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Tuesday, 19 November, 2024
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आरबीआई ने रेपो दर में नहीं किया कोई बदलाव- सोने पर लोन को 75% से 90 फीसदी किया

भारतीय रिजर्व बैंक ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखा. गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा कि आरबीआई का रुख उदार बना रहेगा.

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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया. रेपो दर को 4 प्रतिशत पर पूर्ववत रखा गया है. हालांकि, बैंक ने उदार रुख बनाये रखा है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखा. गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा कि आरबीआई का रुख उदार बना रहेगा.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक आर्थिक गतिविधियां कमजोर बनी हुई है, कोविड-19 मामलों में उछाल ने पुनरुद्धार के शुरुआती संकेतों को कमजोर किया है.

शक्तिकांत दास ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार की शुरुआत हो गई थी, लेकिन संक्रमण के मामले बढ़ने से लॉकडाउन लगाने को मजबूर होना पड़ा.

आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में बाधायें बरकरार हैं जिससे विभिन्न क्षेत्रों में महंगाई का दबाव बना हुआ है.

रिजर्व बैंक गवर्नर के मुताबिक मौद्रिक नीति समिति का अनुमान है कि मुद्रास्फीति दूसरी तिमाही में ऊंची बनी रहेगी. चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसमें नरमी आ सकती है.

आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि अप्रैल 2020 से शुरू हुए वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में संकुचन आने का अनुमान है.

उन्होंने कहा कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि पहली छमाही में और पूरे वित्त वर्ष में नकारात्मक रहने का अनुमान है.

दास ने कहा कि एनएचबी, नाबार्ड द्वारा 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी सुविधा मुहैया कराई जाएगी. आरबीआई ने कोविड-19 के प्रभाव से राहत देने के लिए कंपनियों, व्यक्तिगत कर्जदारों के ऋणों का पुनर्गठन करने के लिए कर्जदाताओं को सुविधा उपलब्ध कराने की अनुमति दी.

दबाव झेल रहे एमएसएमई कर्जदारों का ऋण खाता यदि मानक श्रेणी में है तो वह भी ऋण के पुनर्गठन के पात्र होंगे.

गवर्नर शक्तिकांत ने कहा कि परिवारों पर कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के लिये उन्हें अब सोने के एवज में मूल्य का 90 प्रतिशत तक कर्ज दिया जायेगा, वर्तमान में यह 75 प्रतिशत तक दिया जा रहा है.

स्टार्टअप को बैंक ऋण के लिहाज से प्राथमिक क्षेत्र का दर्जा दिया गया है.

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