नई दिल्ली: गायों के साथ होती घटनाओं को रोकने के लिए विश्व हिंदू परिषद मैदान में उतर गया है. वीएचपी गांव व मोहल्ला स्तर पर एक अभियान चलाएगी. इनमें कार्यकर्ता सड़कों पर घूमती हुई गायों को गौशाला में पहुंचाएंगे. वहीं उनकी देखरेख करेंगे. गो पालन से लेकर गो उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित करने का काम भी किया जाएगा. गो उत्पादों के जरिए युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है.
विश्व हिंदू परिषद के गोरक्षा आयाम के केंद्रीय संगठन मंत्री खेमचंद शर्मा ने दिप्रिंट से कहा, आज गायों की सुरक्षा की तरफ ध्यान देने की बहुत जरुरत है. गायों की सुरक्षा के लिए गो मूत्र, गोबर व दुग्ध के उपयोग को बढ़ाना होगा. जैविक खेती, गोसंवर्धन, नस्ल सुधार और पंचगव्य से औषधि तैयार करने से गायों की रक्षा हो सकगी. वहीं, इससे रोजगार के नए साधन भी लोगों के लिए उपलब्ध हो सकेंगे.
गायों की सुरक्षा के सवाल पर शर्मा ने बताया, हमारा संगठन इस दिशा में काम कर रहा है और लोगों से भी अपील कर रहा है कि सड़कों पर घूमती हुई बेसहारा गायों को गोशाला में रखा जाए. वहीं, हम हर शहर और गांव के स्थानीय प्रशासन से भी गायों को एक उचित सुरक्षित स्थानों पर रखने के लिए आग्रह कर रहे हैं. इससे वे सुरक्षित रह सकेंगी.
गायों के जरिए रोजगार कैसे मिलेगा इस सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा, किसानों को गो आधारित कृषि सिखाने पर जोर देना होगा. हर किसान के घर पर दो गाय कैसे पहुंचाई जाए, इस पर काम करना होगा. ऐसे में किसानों के कृषि की लागत का केवल 25 प्रतिशत ही खर्च होगा और वे गाय को नहीं छोड़ेंगे और उसका ठीक तरीके से ध्यान भी रखेंगे.
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हमारे संगठन ने गांवों और मोहल्ले में एक अभियान शुरु किया है. इसमें गायों की रक्षा भी होगी और गो उत्पाद को बढ़ावा देकर लोगों को गो पालन के लिए प्रेरित भी किया जाएगा. गो प्रोडक्ट के जरिए युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा.
संगठन ने पंचगव्य से बने हुए उत्पाद इसमें दीपक, धूप, पूजा का सामान, त्वचा संबंधी रोगों के लिए औषधि और गौमूत्र के प्रयोग के लिए जनजागरण अभियान चलाया है. इसमें हम लोगों से ऐसे प्रोडक्ट उपयोग करने के लिए आग्रह करेंगे.
उन्होंने कहा, नौजवानों के रोजगार की दृष्टि से पंचगव्य के उत्पाद कैसे तैयार करे. गायों को कैसे पाले और पंचगव्य से प्रोडक्ट किस तरह तैयार करे. यह उन्हें संगठन बताएगा. इसके साथ ही गांव और मोहल्लों में बिक्री केंद्र खोलकर इसकी मार्केटिंग की व्यवस्था भी करेंगे. युवाओं को इस काम में हमारा संगठन गौसेवा आयाम मदद करेगा, कुछ गांवो में ऐसे केंद्र शुरु भी हुए है, जल्द ही आने वाले दिनों में प्रोडक्ट दिखाई भी देने लगेंगे.
फिलहाल लॉकडाउन के चलते कुछ असर पड़ा है. लेकिन हम इसे दोबारा खड़ा कर लेंगे. जैविक खाद से लेकर गो उत्पाद लोगों को आसानी से कैसे मिल सके, इसके लिए ब्रिकी केंद्र कहां खुले इसके लिए भी हमारा संगठन काम कर रहा है.