scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशगोल्ड स्कैम वाली स्वप्ना सुरेश कैसे केरल में नई विलेन बनकर उभरी

गोल्ड स्कैम वाली स्वप्ना सुरेश कैसे केरल में नई विलेन बनकर उभरी

आज भी पितृसत्तामक व्यवस्था में जकड़े राज्य केरल के नए घोटाले, जिसने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की कुर्सी खतरे में डाल दी है, के पीछे एक बार फिर कोई महिला है. यद्यपि वह मुख्य आरोपी नहीं है.

Text Size:

कोच्चि : एक शातिर चालबाज तस्करी की धुरी या सही समय पर सही जगह अपनी तिकड़म भिड़ाकर कामयाबी हासिल करने वाली महिला? स्वप्ना सुरेश की कहानी ही केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की कुर्सी के लिए बड़ा खतरा बने गोल्ड स्कैम का केंद्रबिंदु बनी हुई है. जबकि वह कई प्रमुख आरोपियों में से सिर्फ एक है.

केरल का उन महिलाओं के प्रति निर्मम होने का इतिहास रहा है, जो किसी भी तरह के घोटाले में सामने आईं- 2013 में मीडिया की मसालेदार कवरेज के कारण ‘आइसक्रीम पार्लर केस’ के नाम से चर्चित मामले, जो यौन शोषण में राजनेताओं की संलिप्तता से जुड़ा था, में निर्विवाद रूप से महिलाओं को केंद्रबिंदु बनाए जाने से लेकर सोलर स्कैम में सिर्फ एक आरोपी सरिता नायर पर ध्यान केंद्रित किए जाने तक.

स्वप्ना सुरेश सालों से ठोंक-पीटकर तैयार किए गए रिपोर्टिंग के इस सांचे में एकदम फिट बैठती है. सोने की तस्करी के मामले में तमाम चटपटी कहानी हर जगह सुर्खियों में होने के बीच बस थोड़ी-सी राहत की बात यह है कि यह सब मुख्यधारा के मीडिया के जरिये ब्रेक नहीं किया गया है.

क्या है पूरा मामला

गोल्ड स्कैम 5 जुलाई को उस समय सुर्खियों में आया, जब तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारियों ने यूएई वाणिज्य दूतावास कार्यालय के लिए आए एक राजनयिक कार्गो को रोका और 13.5 करोड़ रुपये का 30 किलो सोना बरामद किया जो कथित रूप से तस्करी करके लाया जा रहा था.

मुख्य आरोपी पीएस सरिथ ने सीमा शुल्क विभाग के समक्ष खुलासा किया कि स्वप्ना सुरेश यूएई वाणिज्य दूतावास के जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके सोने की तस्करी में शामिल तमाम खिलाड़ियों को राजनयिक चैनल से जोड़ने वाली एक अहम कड़ी है.

इसमें दुबई का फैजल फरीद और मलप्पुरम में उनके साथी संदीप नायर और केटी रमीज शामिल है, जो एक बार हवाई अड्डे से बाहर लाने के बाद कथित तौर पर तस्करी का सोना संभाल लेते. इसमें यह भी बताया गया कि पिछले 8-9 महीनों में ऐसे ही तरीकों से 100 किलोग्राम और 150 किलोग्राम के बीच सोने की तस्करी की जा चुकी है.

मामले की जांच कर रही एनआईए की टीम के मुताबिक इसका फायदा उठाने वाले सिर्फ देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त अपराधी हैं. पूरे घोटाले में उसकी भूमिका को लेकर सरिथ के दावे को निश्चित तौर पर स्वप्ना से पुष्ट कराने की कोशिश होगी क्योंकि एनआईए टीम अगले एक हफ्ते में संदीप और उससे पूछताछ करेगी.

पूरे रैकेट में शामिल प्रमुख लोगों से कोई पुख्ता जानकारी न मिलने तक निरंतर पूछताछ जारी रहने के कारण उनके लिए तथ्यों को छिपाना आसान नहीं होगा. उनकी तरफ से किसी तरह के दखल की गुंजाइश भी नगण्य नजर आती है और यही वजह है कि अगले कुछ हफ्ते स्वप्ना की ताकत और पूछताछ में न टूटने की क्षमता की परीक्षा के लिहाज से बेहद अहम होंगे, भले ही संदीप से ज्यादा न हों.

अबू धाबी की एक महिला

अपने बलबूते जगह बनाने वाली महिला स्वप्ना ने अबू धाबी में कुछ छोटे-छोटे व्यवसायों के प्रबंधन में अपने पिता की मदद करना शुरू किया था. दुबई के एक व्यवसायी के साथ छोटी उम्र में हुए और थोड़े समय ही चल पाए विवाह के बाद उसके जीवन ने एक निर्णायक मोड़ ले लिया.

सहस्राब्दी के शुरू में उसने अपने गृह जिले तिरुवनंतपुरम का रुख किया और अपने अगले 10 साल यहां कई ट्रैवल एजेंसियों में काम करते हुए बिताए.

अधिकारियों का दावा है कि इसी दौरान उसके सोने की तस्करी में शामिल लोगों के संपर्क में आने की संभावना है.

उसकी शैक्षणिक योग्यता पर विरोधाभासी रिपोर्ट सामने आई हैं, हालांकि एक पहलू पर लगभग सहमति है. उसने 27 अक्टूबर 2011 को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय लोनेरे, महाराष्ट्र से कथित तौर पर एक फर्जी डिग्री का प्रमाणपत्र हासिल किया है.

डिग्री प्रमाणपत्र में कहा गया है कि स्वप्ना प्रभा सुरेश जुलाई 2008 से जून 2011 के बीच विश्वविद्यालय में एक नियमित छात्रा थीं. उनकी जन्म तिथि 4 जून 1981 दर्ज है, जिसके मुताबिक नियमित रूप से उनके बी कॉम की डिग्री कोर्स करने के दौरान उनकी उम्र 27-30 वर्ष के बीच थी.

इस अवधि के दौरान उसने अपने पहले विवाह से हुई बेटी को पाला जो अब एक स्नातक छात्रा है. कुछ साल पहले हुई उसकी दूसरी शादी से एक बेटा भी है.

उसके पिता सुकुमारन सुरेश का अप्रैल में निधन हो गया था, जबकि उनकी मां प्रभाकुमारी उपनगरीय इलाके में रहती हैं.

जांचकर्ताओं का दावा है कि 2013 में सरकार के स्वामित्व वाली एयरलाइन ग्राउंड हैंडलिंग विंग एयर इंडिया एसएटीएस में एचआर विभाग के एक कार्यकारी के तौर पर नौकरी पाने के दौरान उसने कथित रूप से अपनी फर्जी बी कॉम डिग्री का इस्तेमाल किया था.

2016 में उसने राज्य की राजधानी स्थित संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के कार्यालय में नौकरी हासिल कर ली. लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या उसने यहां पर काम पाने के लिए भी अपनी नकली डिग्री का इस्तेमाल किया था.

हालांकि, जांचकर्ताओं का कहना है कि केरल सरकार की एक प्रमुख सलाहकार फर्म प्राइस वाटरहाउस कूपर्स की ओर से अनजान-सी प्लेसमेंट एजेंसी, विजन टेक्नोलॉजी को शॉर्टलिस्ट किए जाने के मामले में उसने फर्जी डिग्री प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया था.

उसे केरल स्टेट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के स्पेस पार्क में ऑपरेशनल मैनेजर के तौर पर काम पर रखा गया था. आरोप लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव और आईटी सचिव एम शिवशंकर ने यह पद पाने में मदद की थी. मामला सामने आने के बाद से उन्हें दोनों पदों से हटा दिया गया है. एक दो सदस्यीय समिति ने प्रारंभिक जांच में पाया था कि स्पेस पार्क में स्वप्ना की नियुक्ति के लिए शिवशंकर को एक ‘रेफरेंस’ बनाया गया था.

गुरुवार को उन्हें निलंबित होने जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ा, जांच भी चल रही है क्योंकि मुख्य सचिव विश्वास मेहता की अगुवाई वाली दो सदस्यीय समिति ने उन्हें सेवा नियमों का उल्लंघन का दोषी पाया है. यह भी पाया गया कि शिवशंकर ने केएसआईटीआईएल में स्वप्ना की नियुक्ति की सिफारिश की थी.

स्वप्ना के साथ अपने कथित संपर्कों को लेकर मुश्किलों में घिरे एक और बड़ी हस्ती हैं. अरुण बालचंद्रन, जो कभी मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के ‘आईटी फेलो’ रहे हैं और बाद में शिवशंकर के अधीन राज्य सरकार की हाई पावर डिजिटल सलाहकार समिति में निदेशक मार्केटिंग और ऑपरेशन के तौर पर काम किया. कोच्चि डिजाइन वीक के दौरान मंच पर और उसके पीछे सबसे ज्यादा नजर आने वाला चेहरा अरुण का ही था, जहां स्वप्ना अनौपचारिक रूप से मेहमानवाज की भूमिका निभाती नजर आई थी.

सत्ताकेंद्र से नजदीकियां बढ़ाने की प्रवृत्ति

बताया जाता है कि अपने सभी कार्यस्थलों में स्वप्ना में खुद सत्ता केंद्रों के करीब पहुंचने और फिर खुद उन शक्तियों का इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति नजर आई.

वह इन कार्यस्थलों में जिन लोगों को नापसंद करती थी कथित तौर पर उन्हें दरकिनार कर खुद काफी ताकत हासिल कर लेती थी.


यह भी पढ़ें : सोना तस्करी मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर निलंबित, जांच जारी : पिनराई विजयन


एयर इंडिया में उसने कथित तौर पर एक सहकर्मी को झूठे यौन उत्पीड़न के मामले में फंसाने की कोशिश की थी, जो मामला एक बार फिर खोला जाएगा.

फर्जी डिग्री प्रमाणपत्र की शुरू हुई स्वप्ना की कारगुजारियां यूएई वाणिज्य दूतावास के पत्रों पर जाली हस्ताक्षर और मुहर के साथ चरम पर पहुंच गई जिसकी वजह से ही राजनयिक चैनल के जरिये सोने की तस्करी जैसी घटना को अंजाम दिया जा सका.

जांचकर्ता अब एक महिला की ऐसी तस्वीर सामने ला रहे हैं जो कोई भी काम करा देने में सक्षम थी और जिसे उपयुक्त लोगों के साथ जुड़ने और हाई-प्रोफाइल मामलों के प्रबंधन में विशेषज्ञता हासिल थी.

स्वप्ना तिरुवनंतपुरम के कोवलम में 31 जनवरी-1 फरवरी, 2020 को हुई अपनी तरह की पहली स्पेस टेक्नोलॉजी कॉन्क्लेव में इवेंट मैनेजर थीं. उन्होंने कथित तौर पर यूएई के गणमान्य हस्तियों को लाने की व्यवस्था की और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत और विदेश दोनों के कई बड़े खिलाड़ियों की एक मंच पर उपस्थिति सुनिश्चित की थी.

एक समय तक केरल सरकार का संभवत: यही मानना था कि स्वप्ना कोई गलत काम नहीं कर सकती है और यही वजह थी कि वह कोच्चि डिजाइन वीक, 2019 में अनौपचारिक तौर पर मेहमाननवाज की अहम भूमिका निभाती नजर आई थी. इसे भारत के सबसे बड़े डिजाइन फेस्टिवल के तौर पर मनाया जाता है. कोच्चि के बोलगट्टी द्वीप पर 12, 13 और 14 दिसंबर को आयोजित शिखर सम्मेलन में इन्फोसिस के पूर्व सीईओ एसडी शिबूलाल समेत आईटी क्षेत्र के कई दिग्गज वक्ता के तौर पर शामिल हुए थे.

यह डिजाइन वीक का दूसरा संस्करण था और इससे कोच्चि को डिजाइन हब के रूप में स्थापित करने में काफी मदद मिलने की उम्मीद थी. लेकिन इस घटना के एक अन्य शिकार बने हैं अरुण बालचंद्रन थे, जो पूर्व में मुख्यमंत्री के आईटी फेलो हुआ करते थे और अब इस घोटाले में कथित लिंक के कारण हटा दिए गए हैं.

लगभग सभी जांचकर्ताओं का कहना है कि उसने कथित तौर पर अपनी जरूरतों के अनुरूप यूएई के वाणिज्य दूतावास की अपनी भूमिका का इस्तेमाल करना बंद नहीं किया. उसने कभी यह जाहिर नहीं होने दिया कि कहां वाणिज्य दूतावास में उसकी भूमिका खत्म हुई और कहां से आईटी विभाग की पहचान शुरू हुई.

पूरी तरह बदली महिला

स्वप्ना को क्षेत्रीय और मुख्यधारा के मीडिया में अलग-अलग तरह से चित्रित किया जाता रहा है- शिष्टता और आत्मविश्वास से लबरेज, जिसे अक्सर अहंकार का रूप भी माना जाता है. लेकिन हमेशा अभिव्यक्ति का तरीका मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है.

अब, 12 जुलाई को गिरफ्तारी के बाद से वह महिला एकदम बदल चुकी है. फूहड़, निम्न दर्जे की और भद्दी पोशाक वाली.

यह सब उससे काफी अलग है जब सोलर घोटाला सामने आने के बाद भी अच्छी तरह संवरकर मीडिया से बातचीत के लिए आई सरिता ने तमाम लोगों की मौजूदगी में कुछ टूटे-फूटे अंग्रेजी के शब्दों के साथ संपर्कों और शोषण को लेकर चौंकाने वाले दावे किए थे.

यूएई में प्रशिक्षित स्वप्ना, जो अंग्रेजी, अरबी और मलयालम समान रूप से कुशलता से बोल लेती है, को लोगों के सामने कुछ बोलने का मौका नहीं मिला है.

अब तक जो सामने आया है कि वो यह कि वह दोहरी जिंदगी जीती थी, एक सत्ता से नजदीकियों के कारण सुर्खियों में रहने वाली और दूसरी कथित तौर पर सोने की तस्करी में शामिल लोगों के साथ संलिप्तता वाली.

निश्चित रूप से एनआईए के इसमें आतंकी एंगल तलाशने के साथ स्वप्ना से जुड़ी ग्लैमर की दुनिया और सत्ता का खेल कहीं पीछे छूट जाएगा. खासकर, जब तक उसके कॉल डाटा रिकॉर्ड से परिचित नामों के बारे में पता नहीं चलता.

देखने वालों के लिए वह एक बेहद अजीबो-गरीब चरित्र आपराधिक मनोविज्ञानियों की रुचि का विषय हो सकती है. लेकिन इन सबसे इतर वह केरल में उन महिलाओं को उपेक्षित और नीची नजरों से देखे जाने का प्रतीक है, जो कानून की दृष्टि से गलत रास्ता अपनाती हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments