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Friday, 22 November, 2024
होमडिफेंसतीसरे दौर की वार्ता जारी, भारत ने गलवान घाटी पर चीन के दावे को खारिज किया 

तीसरे दौर की वार्ता जारी, भारत ने गलवान घाटी पर चीन के दावे को खारिज किया 

एमईए ने एक बयान में कहा, चीन के ‘अतिशयोक्तिपूर्ण और अपुष्ट दावे’ 6 जून को वरिष्ठ कमांडरों के बीच बनी समझ के विपरीत हैं’

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नई दिल्ली: भारत और चीन गुरुवार को वार्ता का एक और दौर शुरू कर रहे हैं, यह तीसरी बैठक पूर्वी लद्दाख में सोमवार को झड़प के बाद हो रही है, तब जब नई दिल्ली ने गलवान घाटी पर बीजिंग के दावे को ‘अतिरंजित और अपुष्ट’ बताकर खारिज कर दिया है.

सूत्रों ने कहा कि 3 कमांडर सोमवार देर शाम गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए अपने चीनी समकक्ष के साथ बैठक कर रहे हैं, जिसने दावा किया कि 20 भारतीय सैनिकों की जान गई है और कई अन्य लोगों को चोटें आई हैं.

जैसा कि दिप्रिंट ने मंगलवार को बताया था कि पहले दौर की वार्ता के बाद चीनी पक्ष ने कुछ भारतीय सैनिकों को रिहा कर दिया है, जिन्हें चोट लगी थी और उन्होंने बंदी बना लिया था.

सूत्रों ने कहा कि तनाव कम करने के लिए बुधवार को दूसरा दौर आयोजित किया गया, लेकिन यह गतिरोध में समाप्त हो गया.

सूत्रों ने कहा कि भले ही दोनों पक्षों ने फ्लैश पॉइंट खाली कर दिया है, जिसे कि विदेश मंत्रालय ने एलएसी के भीतर भारत की तरफ होने की बात कही है, दोनों तरफ काफी ज्यादा निर्माण चल रहा है.

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा, ‘जब कुछ प्रगति हुई थी, तो चीनी पक्ष ने हमारी तरफ एलएसी के गालवान घाटी में एक संरचना बनाने की मांग की. हालांकि, यह विवाद का एक स्रोत बन गया, चीनी पक्ष ने पूर्व नियोजित और योजना के तहत कार्रवाई की, जो कि हिंसा होने और हताहतों के लिए सीधे जिम्मेदार था. 

हालांकि, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने ग्लोबल टाइम्स के हवाले से कहा था, ‘यह घटना बहुत साफ थी, क्योंकि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीनी पक्ष की तरफ हुई और जिम्मेदारी चीन की नहीं बनती.


यह भी पढ़ेंः लद्दाख गतिरोध दर्शाता है कि ‘अलिखित एलएसी’ भारत और चीन के बीच एक कांटा बना रहेगा


6 जून को जो समझ बनी थी उसके खिलाफ गालवान घाटी पर संप्रभुता का दावा: एमईए

एमईए द्वारा बुधवार आधी रात को जारी एक बयान में, भारत ने चीन की गालवान घाटी क्षेत्र पर संप्रभुता के दावों का जवाब दिया है, यह कहते हुए कि यह एक जिम्मेदार तरीके से मुद्दों को संभालने को लेकर बनी समझ के खिलाफ जाता है.

‘जैसा कि हमने आज शुरू में बताया कि लद्दाख में हालिया घटनाक्रम पर विदेश मंत्री और चीन के विदेश मंत्री ने फोन पर बातचीत की. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि समग्र स्थिति को एक जिम्मेदार तरीके से संभाला जाना चाहिए और जो समझ 6 जून को वरिष्ठ कमांडरों के बीच बनी थी उसे ईमानदारी से लागू किया जाना चाहिए.’

इसमें कहा गया है, ‘अतिरंजित और अपुष्ट दावे करना इस समझ के विपरीत है.’

इस बीच, भारतीय अधिकारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की समीक्षा कर रहे हैं और चीन द्वारा बार-बार हिंसा के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ अपने सैनिकों मौजूदगी के नियमों का पालन किया जा रहा है.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि एलएसी पर आग्नेयास्त्रों को ना ले जाने के अभ्यास की समीक्षा में शामिल करेंगे.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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