नई दिल्ली:भारत ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’ के कारण हुई.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था .
गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों के शहीद होने के बाद पूर्वी लद्दाख में हालात बिगड़ रहे हैं.
इस बिगड़े हालात के मद्देनज़र भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यदि चीन ने सतर्कता पूर्वक रवैया अपनाया होता तो दोनों पक्षों की ओर के लोग हताहत नहीं हुए होते. मंत्रालय ने यह भी कहा कि हम सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बरकरार रखने और मतभेदों का समाधान बातचीत के जरिये करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना दृष्टिकोण जाहिर करते हुए भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि हमारी सारी गतिविधियां हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं. हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं . ’
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सोमवार की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान एक भारतीय कर्नल और दो सैनिक शहीद हो गए.
15 जून की देर शाम और रात को यथास्थिति में परिवर्तन करने के चीन की ओर से किए गए एकतरफा प्रयास के चलते हिंसक झड़प हुई है. लेकिन भारत संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है.
मंत्रालय ने आगे कहा है कि इस झड़प में दोनों पक्षों के लोगों की मौत हुई है, जो हुआ उससे बचा जा सकता था.’ ‘दोनों पक्षों को इससे हानि हुई है.
हिंदुस्तान अपनी संप्रभुता और अखंडता से समझौता नहीं कर सकता है और हम इसके लिए पूर्व रूप से प्रतिबद्ध हैं. भारत ने हमेशा एलएसी का सम्मान किया है. सीमा प्रबंधन को लेकर भारत ने हमेशा से एक जिम्मेदार रवैया अपनाता रहा है. भारत सारे काम एलएसी में अपनी सीमा के अंदर ही करता है, चीन से भी ऐसी उम्मीद हम रखते हैं.’
हालांकि. गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों के शहीद होने के बाद पूर्वी लद्दाख में हालात पर विचार-विमर्श करने के लिए मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लगातार दो बैठकें की .
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सरकारी सूत्रों ने बताया कि सिंह ने सोमवार की रात भारतीय सेना के तीन कर्मियों के शहीद होने के बारे में तथा क्षेत्र में संपूर्ण स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया है. गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल और दो सैनिक शहीद हो गए. पांच हफ्ते से भी ज्यादा समय से इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है.