श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बुधवार को दो आतंकवादी मारे गए. जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने सोमवार को बताया था कि इस साल राज्य में 93 आतंकवादी मारे गए हैं.
#UPDATE शोपियां ज़िले के सुगू इलाके में हुई मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए। पुलिस और सुरक्षा बल ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। ऑपरेशन चल रहा है: जम्मू-कश्मीर पुलिस https://t.co/7ESHWKcAox pic.twitter.com/k50J74yNLj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 10, 2020
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में शोपियां के सुगू इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सटीक सूचना मिलने के बाद सुबह इलाके की घेराबंदी की गई और तलाश अभियान चलाया.
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई.
अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए.
शोपियां में चार दिन में यह तीसरी मुठभेड़ है.
रविवार और सोमवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ों में हिज्बुल मुजाहिदीन के नौ आतंकवादी मारे गए थे.
शोपियां मुठभेड़ में 9 की मौत के साथ, इस वर्ष जम्मू-कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों की कुल संख्या 93 हुई
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में पिछले 24 घंटों में दो बैक-टू-बैक ऑपरेशन में नौ आतंकवादी मारे गए हैं, इस ऑपरेशन के बाद इस साल केंद्र शासित प्रदेश में मारे गए आतंकवादियों की कुल संख्या 93 तक हो गई है.
सुरक्षा बलों ने पिछले दो मुठभेड़ों में मारे गए आतंकवादियों की पहचान या आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी है.
सुरक्षा बलों के आंकड़ों के अनुसार, 93 आतंकवादियों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिशों के दौरान मारे गए लोगों को भी शामिल किया गया. आंकड़ों से पता चलता है कि मारे गए लोगों में से 77 स्थानीय आतंकवादी थे जबकि 10 विदेशी थे. जबकि छह की पहचान नहीं हो सकी वह अज्ञात रहे.
आतंकवादी मारे भी गिरफ्तार भी किए- दिलबाग सिंह
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने सोमवार को कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश में इस वर्ष अब तक कई शीर्ष कमांडर समेत 88 आंतकवादी मार गिराए गए और 280 अन्य गिरफ्तार किए गए.
सिंह ने कहा कि पिछले दो सप्ताह में छह शीर्ष कमांडर समेत 22 आतंकवादी मारे गए, जोकि पाकिस्तान और इसकी एजेंसियों के लिए करारा झटका है क्योंकि वे सीमा पार से बड़ी संख्या में आंतकवादियों को भेजकर हिंसा में बढ़ावा देने का कोई अवसर नहीं छोड़ता है.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘ पाकिस्तान से मुकाबला करने के लिए हमारी रणनीति दोतरफा है, जिसमें नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ को नाकाम करना और उन लोगों से निपटना जो भीतरी इलाकों में सक्रिय हैं, इसके साथ ही स्थानीय युवाओं को आंतकी संगठनों में शामिल होने से रोकना है. शुक्र है कि हम इस प्रयास में काफी हद तक सफल हैं.’
(भाषा के इनपुट्स के साथ)