नई दिल्ली: मोदी सरकार और भाजपा को इस महीने सत्ता में दोबारा आए एक साल हुए हैं. मौजूदा कोरोना संकट के कारण पहली वर्षगांठ इस बार ज्यादा धूमधाम से नहीं मनाई जाएगी, सिर्फ कोविड-19 लॉकडाउन और 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज पर ही ध्यान केंद्रित किया जाएगा. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
मोदी सरकार की 2019 में सत्ता में दोबारा वापसी को 30 मई को सालभर हो जाएगा. 2014 से ही जब मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब से ही भाजपा और सरकार वर्षगांठ के मौके पर अपनी उपलब्धियों को लोगों को बताती थी और उसका प्रचार करती थी. सरकार और पार्टी के सूत्रों ने बताया कि महामारी की स्थिति में इस साल ऐसा कुछ नहीं होने वाला है.
सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार सालगिरह की तैयारियों में जुटी हुई है और इसके परिणामस्वरूप अभियान कोविड-19 संकट से निपटने के प्रयासों पर केन्द्रित होने की संभावना है. इस बीच, भाजपा का अभियान, मोदी को महामारी के बीच भारत के उद्धारक के रूप में पेश करेगा, जिसमें पार्टी ‘मोदी है तो देश सुरक्षित है’ को रेखांकित करेगी.
‘सोशल मीडिया का लाभ उठाना’
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सरकार ने मंत्रालयों को मई 2019 के बाद से उनकी उपलब्धियों की सूची मांगी है. यह सूचना सरकार की संचार शाखा पीआईबी द्वारा दी जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि बड़े पैमाने पर किसी प्रचार से बचने की योजना है. इसके बजाय रिपोर्ट कार्ड के जरिए सरकार अपनी उपलब्धियों को बताएगी. सूत्रों के मुताबिक इस महामारी के समय में सरकार किसी भी बड़े जश्न का कार्यक्रम नहीं करना चाहती है.
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तैयारियों में लगे अधिकारियों ने कहा कि सरकार की उपलब्धियों को सीधे लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया, विशेषकर व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने पर बात हो रही है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जो उपलब्धियां बताई जाएंगी उनमें कोरोना से संबंधित होंगी लेकिन सरकार की अन्य महत्वपूर्ण सफलताओं को भी बताया जाएगा.’
अधिकारी के मुताबिक रिपोर्ट कार्ड में सभी मंत्रालयों की पांच उपलब्धियों को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा सरकारी की महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षी योजनाएं भी शामिल की जाएंगी.
एनडीटीवी की हालिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को संभालने के बारे में आलोचना का सामना करने के अवसर का भी उपयोग करेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार एक बुकलेट प्रकाशित करना चाह रही है जो कोविड-19 संकट में प्रवासियों के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताएगी. इसके अलावा इसकी क्षेत्रवार उपलब्धियों को सूचीबद्ध करेगी.
ये अब तक स्पष्ट नहीं है कि सरकार बुकलेट और व्हाट्सएप दोनों से अपनी सफलताओं के बारे में बताएगी या नहीं.
एक दूसरे वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि आईबी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अभी तक सभी मंत्रालयों के विभागों के साथ दो बैठक की है और वर्षगांठ की योजना के बारे में चर्चा की है.
सूत्रों ने बताया कि पीएमओ ने भी इस संबंध में बैठक की है. दोनों बैठकें पिछले दो हफ्तों के भीतर हुई हैं.
‘जिम्मेदारी भरा प्रचार’
भाजपा वर्षगांठ के जश्न को ‘मोदी है तो देश सुरक्षित है’ के थीम के इर्द-गिर्द मनाने की योजना बना रही है जो कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’ कैंपेन जैसा है.
पार्टी ने गुरुवार को पहली वर्षगांठ समारोह के संदर्भों पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई. प्रतिभागियों में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, महासचिव के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल थे.
बैठक में उपस्थित भाजपा महासचिव ने कहा कि पार्टी प्रमुख योजनाओं पर पीएमओ के साथ विचार-विमर्श कर रही है, जिन्हें वर्षगांठ अभियान में बताया जाएगा.
महासचिव ने कहा, ‘यह निश्चित है कि पीएम द्वारा हाल ही में कोविड-19 आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है उसपर फोकस होगा. 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज एक महत्वपूर्ण नीतिगत शुरुआत है जो कि उस समय आया है जब आर्थिक संकट है.’
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उन्होंने कहा, ‘प्रवासी मजदूरों, कृषि और एमएसएमई क्षेत्र की मदद करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए एक बड़ी सौगात है.’
भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी का समग्र अभियान इस बात पर केंद्रित होगा कि पीएम ने ‘कैसे समय रहते लॉकडाउन कर और मेडिकल सुविधाओं को बढ़ाकर लाखों लोगों की जान बचाई है’. नेता ने बड़े पैमाने पर डिजिटल मीडिया पर इन कार्यक्रमों के आयोजित होने के संकेत दिए हैं.
नेता ने कहा, ‘पार्टी उन लोगों को नाराज नहीं करना चाह रही है जो इस मुश्किल समय में जूझ रहे हैं. यह एक केंद्रित और जिम्मेदारी भरा कैंपेन होगा.’
एक और अन्य भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी ऐसा संदेश नहीं देना चाहती कि इस मुश्किल समय में जश्न मनाया जा रहा है.
नेता ने कहा, ‘इसलिए पार्टी अध्यक्ष ने निर्देश दिए हैं कि कैंपेन जिम्मेदारी भरा होगा जिससे लोग खुद को उससे जोड़ सकें.’
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