लखनऊ: पिछले दिनों कोटा में फंसे यूपी के लगभग 7 हजार छात्रों को वापस लाने के बाद अब योगी सरकार प्रयागराज में फंसे दूसरे शहरों के छात्रों को उनके घर पहुंचाएगी. वहीं दूसरे प्रदेशों से यहां आए छात्रों को भी पहुंचाने के लिए कोशिश करेगी. इस संबंध में सरकार की ओर से सोमवार को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.
बता दें कि प्रयागराज को यूपी का सिविल सर्विसेज व अन्य सरकारी नौकरियों की तैयारी का सबसे बड़ा हब माना जाता है. यहां बिहार व मध्य प्रदेश से भी छात्र कोचिंग करने आते हैं. यूपी सरकार के मुताबिक यहां 9-10 हजार छात्र लाॅकडाउन के कारण फंसे हैं. इनके लिए 300 बसों का इंतजाम किया जा रहा है. यूपी के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम) अवनीश अवस्थी ने बताया कि पहले चरण में मिर्जापुर, वाराणसी, सोनभद्र, चंदौली, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर और चित्रकूट के बच्चे शहर भेजे जाएंगे. दूसरे चरण में अन्य जिलों के.
वहीं इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे अन्य राज्यों के छात्रों को भेजने के बारे में भी उनके राज्यों से चर्चा की जाएगी. इससे पहले योगी सरकार लगभग 250 बसें कोटा भेजकर यूपी के बच्चों को वापस घर लेकर आई थी. इसके लिए राजस्थान सरकार ने भी हामी भर दी थी.
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मजदूरों को ठहराने के लिए बनेंगे बड़े क्वारंटाइन सेंटर
यूपी सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों व श्रमिकों को भी वापस लाने का फैसला किया था. सरकार के मुताबिक, अब तक 328 बसों से दूसरे प्रदेश में रह रहे यूपी के 9,992 मजदूर वापस लाए गए हैं. वहीं अन्य को लाने की तैयारी चल रही है. इतनी बड़ी संख्या में वापस आ रहे मजदूरों के लिए विभिन्न जिलों में बड़े क्वारंटाइन सेंटर्स बनाने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो शासन से जिलाधिकारियों को निर्देश गए हैं कि 15 से 20 हज़ार की क्षमता वाले क्वारंटाइ सेंटर बनाये जाएं. हर जिले में कम से कम 15 हजार प्रवासी श्रमिकों को ठहराने की व्यवस्था की जाएगी.
सरकार की ओर से ये भी निर्देश दिए गए हैं कि डिग्री कॉलेजों से बेसिक शिक्षा तक के टीचरों की ट्रेनिंग कराकर उनको कोरोना वाॅरियर के तौर पर तैयार किया जाए. यूपी में स्कूलों व पंचायत भवनों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर के अलावा अब निजी स्कूलों, धर्मशाला, मैरिज हाॅल, लाॅज, प्राइवेट काॅलेजों को सेंटर बनाया जाएगा.