पठानकोट: पंजाब की सबसे युवा सरपंच पल्लवी ठाकुर शुक्रवार सुबह उस समय हैरान रह गईं, जब उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले आधे घंटे में उनसे बात करेंगे.
ठाकुर को एक लिंक भेजा गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की आईटी टीम के अधिकारियों ने वीडियो और ऑडियो की गुणवत्ता की जांच की और उन्हें 10 बजकर 15 पर तैयार रहने के लिये कहा गया.
दरअसल, प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को ‘राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस’ पर ग्राम पंचायतों के सरपंचों और अध्यक्षों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया, जिनमें ठाकुर भी शामिल थीं.
प्रधानमंत्री से संवाद के बाद ठाकुर ने कहा, ‘यह वास्तव में मेरे लिये आश्चर्य की बात थी.’
किसान का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है।
वो हमारा अन्नदाता है और नि:स्वार्थ भाव से देशवासियों को पेट पालता है।
किसान और पशुपालक साथियों ने ही लॉकडाउन के समय देश को अनाज, दूध, दही, फल की कमी नहीं होने दी।
मैं उनके हौसले की प्रशंसा करता हूं: पीएम श्री नरेन्द्र मोदी pic.twitter.com/fXqljmBxhU
— BJP (@BJP4India) April 24, 2020
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली ठाकुर 19 साल की उम्र में पठानकोट जिले के धार प्रखंड में हारा गांव की सरपंच चुनी गई थीं. हारा में 2 हजार लोगों की आबादी है.
प्रधानमंत्री और सरपंच के बीच कोविड-19 से निपटने के लिये गांव में उठाए जा रहे विभिन्न कदमों और उर्वरक तथा यूरिया के इस्तेमाल को लेकर बातचीत हुई.
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वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मुश्किल समय में गांववालों की अच्छी तरह देखभाल के लिये ठाकुर की प्रशंसा भी की.
प्रधानमंत्री से बात करने के बाद ठाकुर ने कहा कि यह एक महान क्षण था जिसे बयां नहीं किया जा सकता. बता दें कि प्रधानमंत्री ने आज जम्मू-कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहति कई सरपंचों से बात की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पंचायतों के अध्यक्षों एवं प्रतिनिधियों से कहा कि कोरोना संकट का सबसे बड़ा संदेश और सबक यह है कि हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा ताकि अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाहर का मुंह नहीं देखना पड़े . उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायतों, जिला और राज्य को अपनी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति करने में सक्षम होना चाहिए .
प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही सामाजिक दूरी को सरल शब्दों में परिभाषित करने के ‘दो गज की दूरी’ के मंत्र की सराहना भी की . प्रधानमंत्री ने ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ पर ग्राम पंचायतों के सरपंचों और अध्यक्षों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद करते हुए कहा, ‘ इस संकट के दौरान गांव देहात से प्रेरणादायी बातें सामने आयी हैं . ऐसे समय में जब लोगों का ज्ञान और कौशल कसौटी पर था तब भारत के गांवों ने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सर्वश्रेष्ठ प्रयास प्रदर्शित किये हैं.’
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से कहा ‘ आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का मंत्र. इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है. ’ मोदी ने कहा कि गांव में आसान शब्दों में कही गई इस बात से सामाजिक दूरी को अच्छे तरीके से व्यक्त किया गया है और लोगों ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस सिद्धांत एवं पारंपरिक मूल्यों का अच्छे तरीके से पालन किया है . संबोधन के दौरान उन्होंने अपना चेहरा ‘गमछे’ से ढका हुआ था.