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Friday, 22 November, 2024
होमदेशदिल्ली में 4 गंभीर कोविड-19 के मरीजों पर प्लाज़्मा थेरेपी के परिणाम आए उत्साहजनक, केंद्र से और मरीजों के इलाज की मांगेगे अनुमति: सीएम

दिल्ली में 4 गंभीर कोविड-19 के मरीजों पर प्लाज़्मा थेरेपी के परिणाम आए उत्साहजनक, केंद्र से और मरीजों के इलाज की मांगेगे अनुमति: सीएम

प्लाज़्मा थेरेपी पर मुहर लगाते हुए एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, प्लाज्मा थेरेपी 100 सालों से ज़्यादा समय से मौजूद है. सबसे पहले इसका इस्तेमाल 1918 की महामारी में हुआ था. 6-10मरीज़ों की दो छोटी स्टडी हुई हैं जिसमें ये पता चला है कि ये कोरोना वायरस में ये उपयोगी हो सकती है.'

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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के चार रोगियों पर किए गए प्लाज्मा थेरेपी परीक्षण के प्रारंभिक नतीजे उत्साहजनक हैं और इससे लोगों को खतरनाक बीमारी से बचाने की उम्मीद बढ़ी है.

साथ ही उन्होंने बीमारी से उबर चुके लोगों से अपील की कि वे आगे आकर कोविड-19 रोगियों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा दान करें. केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार अगले दो-तीन दिनों में प्लाज्मा थेरेपी के और अधिक ​​परीक्षण करेगी.

केजरीवाल ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने हमें एलएनजेपी अस्प्ताल के गंभीर मरीज़ों पर प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति दी थी. अगले 2-3 दिन और हम ट्रायल करेंगे और उसके बाद अगले हफ्ते केंद्र सरकार से पूरी दिल्ली के कोरोना के गंभीर मरीज़ों को प्लाज्मा थेरेपी देने की इजाजत मांगेंगे.’

केजरीवाल ने यह भी कहा, मंगलवार को 2 मरीज़ों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी, आज शायद उन्हें ICU से छुट्टी मिल जाएगी. जो 2 और मरीज़ हैं उन्हें कल प्लाज्मा दिया गया था, 24घंटों में ही उन्होंने काफी अच्छे नतीजे दिखाए हैं. आज दो या ​तीन और मरीज़ों को प्लाज्मा दिया जाएगा.’ जिन्हें भी प्लाज्मा दिया गया उनके परिणाम अच्छे आने के बाद सरकार दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण के सभी गंभीर रोगियों पर इस थेरेपी का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र की मंजूरी लेगी.

मुख्यमंत्री ने बीमारी से उबर चुके लोगों से अपील की कि वे आगे आकर कोविड-19 रोगियों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा दान करें.

प्लाज़्मा थेरेपी पर मुहर लगाते हुए एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, प्लाज्मा थेरेपी 100 सालों से ज़्यादा समय से मौजूद है. सबसे पहले इसका इस्तेमाल 1918 की महामारी में हुआ था. 6-10मरीज़ों की दो छोटी स्टडी हुई हैं जिसमें ये पता चला है कि ये कोरोना वायरस में ये उपयोगी हो सकती है.’

बता दें कि इस थेरेपी की पूरी प्रक्रिया डॉक्टर एसके सरीन के हाथों में है उनकी ही देख-रेख में इसे अंजाम दिया गया है. एलबीएस अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर सरीन ने बताया कि यह एक पुरानी थेरेपी है, चूंकि अभी हमारे पास कोविड-19 के इलाज के लिए कोई वैक्सीन या दवा नहीं है इसलिए हमने इस थेरेपी को कोरोना संक्रमण को कम करने और स्थिर करने के लिए प्रयोग किया है और इसके परिणाम सकारात्मक रहे हैं.

डॉ. सरीन ने यह भी कहा कि अगर कोई मरीज तीसरे स्टेज में अस्पताल में भर्ती होता है उस दौरान उसके अंगों के फेल होने के चांसेज ज्यादा होते हैं और उसकी मौत भी हो सकती है.. लेकिन अगर मरीज सेकेंड फेज में आए जब उसका फेफड़ा संक्रमित हो रहा होता है लेकिन बाकी अंग ठीक काम कर रहे होते हैं ऐसे समय में अगर हम मरीज़ पर प्लाज्मा थेरेपी दें तो मरीज को ठीक किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पहले स्टेज में बीमारी पकड़ में ही नहीं आती है.

प्लाज्मा थेरेपी तकनीक के तहत इस बीमारी से ठीक हो चुके लोगों के प्लाज्मा को कोविड-19 मरीजों में ट्रांसफ्यूज किया जाता है.

बता दें कि दिल्ली में कोरोनासंक्रमण का आंकड़ा 2376 हो चुका है, जिनमें 50 लोगों की मौत हो गई. 88 मरीजों को छुट्टी मिलने के साथ ही संक्रमण से स्वस्थ्य हुए लोगों की संख्या भी बढ़कर 808 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अनुसार 24 घंटे में 1953 सैंपल की जांच की गई थी, जिनमें 128 सैंपल संक्रमित मिले हैं. अभी 3068 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी हैं.

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