नई दिल्ली: अर्णब गोस्वामी पर सांप्रदायिकता भड़काने के आरोप में देश के कई जगहों पर लोगों ने एफआईआर दर्ज कराई है. इसके जवाब में गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और उनपर दर्ज हुई सभी एफआईआर को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच शुक्रवार को 10:30 बजे इस मामले की सुनवाई करेगी.
रिपब्लिक टीवी पर कुछ दिन पहले हुए एक कार्यक्रम में गोस्वामी पर आरोप है कि उन्होंने सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश की है. जिसके बाद अर्णब गोस्वामी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनपर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला किया.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और प्रेस परिषद ने गोस्वामी पर हुए हमले की निंदा की है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने वरिष्ठ पत्रकार अर्णब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर हुए कथित हमले की बृहस्पतिवार को निंदा करते हुए कहा कि किसी भी पत्रकार के खिलाफ किसी तरह की हिंसा, अभद्र शब्द या दुर्व्यवहार और नफरत फैलाना ‘निंदनीय कृत्य’ है.
पुलिस ने बताया कि पत्रकार अर्णब गोस्वामी की कार पर मुंबई में बुधवार-बृहस्पतिवार की दरम्यानी रात मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने कथित तौर पर हमला किया और उनके वाहन की खिड़की का शीशा तोड़ने की कोशिश की. घटना के समय वह अपनी पत्नी के साथ घर लौट रहे थे. दोनों ही हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
गिल्ड ने मुंबई पुलिस से अपील की है कि वह गोस्वामी और उनकी पत्नी पर हमला करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करें.
एक बयान में गिल्ड ने कहा कि वह रिपब्लिक टीवी चैनल के वरिष्ठ संपादक अर्णब गोस्वामी और साम्यब्रत रे के खिलाफ हमले की कड़ी निंदा करता है.
प्रेस परिषद ने हमले की निंदा की और महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी
भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर हुए हमले की बृहस्पतिवार को निंदा की और घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने बयान जारी कर कहा कि यह जानकर निराशा हुई कि गोस्वामी पर कथित तौर पर हमला ‘एक पत्रकार के तौर पर उनके कथित विचारों को लेकर हुआ.’
पीसीआई ने कहा, ‘इस देश में पत्रकारों सहित हर नागरिक को अपने विचार रखने का अधिकार है जो कई लोगों को ठीक नहीं लग सकता है लेकिन यह किसी को इस तरह की आवाज को दबाने का अधिकार नहीं देता है. खराब पत्रकारिता के खिलाफ भी हिंसा जवाब नहीं हो सकती.’
गोस्वामी रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक हैं.
बयान में कहा गया है कि परिषद हमले की निंदा करती है और राज्य सरकार से उम्मीद करती है कि वह अपराध के षड्यंत्रकारियों को पकड़ेगी और उन्हें तुरंत कठघरे में खड़ा करेगी.
पीसीआई ने कहा कि मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए पीसीआई के अध्यक्ष ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि मुख्य सचिव और मुंबई के पुलिस आयुक्त के माध्यम से मामले के तथ्यों पर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपी जाए.
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) ने भी गोस्वामी पर कथित हमले की निंदा की और कहा कि अगर किसी को किसी चीज से समस्या है तो उन्हें हिंसा के बजाए विरोध का उचित रास्ता चुनना चाहिए.
एनयूजे (आई) ने यह भी कहा कि पत्रकारों और मीडिया घरानों को भी किसी भी कीमत पर अपनी सीमा नहीं लांघनी चाहिए और पेशेवर आचरणों का सख्ती से पालन करना चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)