नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कश्मीर में दो पत्रकारों पर सरकारी एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा की है. गिल्ड ने कहा कि वो जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित दो पत्रकारों जिनमें एक स्वतंत्र फोटोग्राफर मसरत जाहरा और दहिंदू के रिपोर्टर पीरजादा आशिक शामिल हैं, उनके साथ हुई घटना से चिंतित है.
गिल्ड ने कहा कि पीरजादा आशिक की एक रिपोर्ट पर केवल एक एफआईआर दर्ज हुई है. वहीं केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने मसरत जाहरा के खिलाफ यूएपीए लगाया है.
The Editors Guild of India has issued a statement pic.twitter.com/GUam3Ti53N
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) April 21, 2020
गिल्ड ने कहा कि मुख्यधारा की मीडिया या सोशल मीडिया पर कुछ भी प्रकाशित करने को लेकर ऐसे कानूनों का इस्तेमाल करना सत्ता का गलत प्रयोग है. यह पत्रकारों के बीच भय पैदा करने के लिए किया जा रहा है. गिल्ड ने कहा कि वो ये भी मानता है कि ये अप्रत्यक्ष तौर पर देश के सभी पत्रकारों को धमकी देने जैसा है.
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गिल्ड ने मांग की है कि पत्रकारों के साथ कोई बदसलूकी न की जाए. अगर सरकार को उनकी रिपोर्टिंग से कोई दिक्कत है तो ऐसी चीजों से निपटने के लिए कई और भी तरीके हैं. सोशल मीडिया पर तथ्यों के आधार पर दी गई जानकारी पर आतंकवादियों पर लगाए जाने वाले कानून नहीं लगाए जाने चाहिए. दहिंदू के मामले में सही तरीका ये होता कि अखबार के संपादक को इसकी शिकायत की गई होती.
गिल्ड ने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन से दोनों पत्रकारों पर लगे चार्ज को हटाने की मांग की है.
बता दें कि एडिटर गिल्ड ऑफ इंडिया के मौजूदा अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता हैं और महासचिव एके भट्टाचार्य हैं. वहीं कोषाध्यक्ष शीला भट्ट हैं.