नई दिल्ली: कोरोनावायरस को लेकर लॉकडाउन के बीच दिल्ली सरकार ने अभिभावकों को राहत देते हुए निजी स्कूलों में फीस बढ़ोत्तरी पर पर रोक लगा दी है और उन्हें तीन महीने की इकट्ठा फीस लेने के बजाय केवल ट्यूशन फीस लेने को कहा है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को ट्वीट कर ये जानकारी दी.
सभी प्राइवेट स्कूलों की ज़िम्मेदारी है कि सभी teaching, non-teaching, contract या outsourced स्टाफ की तनख्वाह समय से दें।
ये आदेश सभी प्राइवेट स्कूलों(सरकारी ज़मीनों अथवा प्राइवेट ज़मीनों वाले) पर लागू होंगे.
— Manish Sisodia (@msisodia) April 17, 2020
सिसोदिया ने एक संवाददाता सम्मलेन में कहा, ‘स्कूलों द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने के संबंध में हमें कई शिकायतें मिलीं और यातायात शुल्क भी वसूले जा रहे हैं जिसका बंद के दौरान कोई इस्तेमाल तक नहीं हो रहा है. स्कूलों को ट्यूशन शुल्क से ज्यादा वसूलने की इजाजत नहीं है.’
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यातायात शुल्क, सालाना शुल्क या कोई भी अन्य शुल्क बंद के दौरान वसूला नहीं जा सकता है जो कि तीन मई तक जारी रहेगा.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने आज फैसला लिया है किसी भी निजी स्कूल को (वो चाहे सरकारी जमीन पर बना हो या गैर सरकारी जमीन पर) फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. सरकार से पूछे बिना कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता.
सिसोदिया ने लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों को सहूलियत देते हुए कहा कि उन्हें केवल ट्यूशन फीस लेने की इजाजत है. उन्होंने एक साथ तीन महीने की ट्यूशन फीस से लेने मना कर दिया है.
सिसोदिया ने कहा कि अनुबंध वाले और पूर्णकालिक स्टाफ दोनों को वेतन देना अनिवार्य होगा.
उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र को ऑनलाइन कक्षाएं लेने से रोका नहीं जाना चाहिए.