scorecardresearch
Monday, 18 November, 2024
होमदेशकोरोनावायरस संक्रमण का पहला क्लस्टर बना था आगरा, जहां हुई थी दस दिनों में 12 लाख लोगों की स्क्रीनिंग

कोरोनावायरस संक्रमण का पहला क्लस्टर बना था आगरा, जहां हुई थी दस दिनों में 12 लाख लोगों की स्क्रीनिंग

शनिवार को आगरा में तीन और कोविड-19 के मामले सामने आए. यहां कुल पॉजिटिव केस 92 हैं, जिनमें 81 केस एक्टिव हैं. देश में कुल संक्रमितों की संख्या 7,447 हो गई है.

Text Size:

नयी दिल्ली: कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच कुछ इलाकों और जिलों को पूरी तरह से सील किया जा रहा है. ऐसा ही है देश का पहला कोरोनावायरस संक्रमण आने के बाद सील किया गया आगरा शहर.

स्वास्थ्य मंत्रालय के लव अग्रवाल ने बताया कि किस तरह से मंत्रालय, सरकार और राज्य सरकारें मिलकर हर दिन स्ट्रैटजी बना रही हैं और उसके अनुरूप काम कर रही है. लव अग्रवाल ने आज मीडिया से बातचीत के दौरान आगरा मॉडल पर बात की. उन्होंने कहा कि आगरा पहला शहर था जहां पहले छह लोगों के संक्रमित होने की खबर आई थी. उसके बाद मंत्रालय ने शहर को लेकर रणनीति बनाई और उस संक्रमित की ट्रैवल हिस्ट्री से लेकर दिल्ली से आगरा जाने तक, अपने परिवार वालों से मिलने से लेकर उसके काम के स्थान, रेस्टोरेंट में खाने-पीने जाने से लेकर, दोस्तों से मिलने तक की हर एक की तलाश की गई.

लव अग्रवाल ने आगरा मॉडल के बारे में बताया कि मरीज के संक्रमण में पॉजिटिव आने का मामला 2 मार्च को पता चला, और महज 10 दिनों के अंदर स्वास्थ और सरकार की दूसरे अधिकारियों ने आगरा के 12 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर दी.

जिसमें 1000 मरीज संदेहास्पद स्थिति में भी मिले, जिनका सैंपल एकत्रित किया गया. बता दें कि जिस अधिकारी ने इस पूरे काम का बीड़ा अपने हाथों में लिया था उसने बताया था कि तब तक देश में कोविड-19 से लड़ने का तब तक कोई पुख्ता मॉडल लांच नहीं किया गया था जिससे सोसाइटी में संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

बता दें कि शनिवार को आगरा में तीन नए मरीज सामने आए हैं. सभी मरीजों को आगरा के एसएनएमसी में भर्ती किया गया है. आगरा के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट प्रभु एन सिंह ने बताया कि शनिवार को शहर में 3 और कोविड 19 मामले पाए गए हैं. यहां कुल पॉजिटिव मामले अब 92 हैं, जिनमें 81 केस एक्टिव हैं.

एक लाख आइसोलेशन बेड

लगातार लॉकडाउन को लेकर देशभर में उठाए जा रहे सवालों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अगर आज हमने लॉकडाउन नहीं किया होता तो हमारे मरीजों की संख्या 7,447 नहीं बल्कि 8.2 लाख होती. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यह भी कहा कि भारत ने कोविड-19 से लड़ने और उससे बचने के लिए हर दिन तैयारी की है और रणनीति में बदलाव किए हैं. आज हमारे देश में कोविड-19 को समर्पित 586 अस्पताल हैं साथ ही एक लाख से अधिक आइसोलेशन बेड तथा 11,500 आईसीयू बेड की व्यवस्था है.

कोविड-19 को लेकर किए जा रहे टेस्ट पर आईसीएमआर के आर गंगा खेडकर ने बताया कि अभी तक देश में कोविड-19 को लेकर अबतक 1.7 लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया है, उनमें से 16,564 नमूने की जांच शुक्रवार को की गयी.

खेडकर ने यह भी बताया कि इनदिनों हाउड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा की बात और सेवन को लेकर बहुत बातें चल रही हैं.मैं यह कहना चाहता हूं कि यदि संक्रमण के एक्सपोज़र की अवधि पर्याप्त नहीं तो इसके परिणाम भी गलत आ सकते हैं. फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मचारियों पर एचसीक्यू के प्रभाव पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बाते कहीं.उन्होंने कहा कि आम जनता को यह दवा नहीं लेनी है और आईसीएमआर इसकी दवा की वकालत नहीं करता है.

देश में कोरोना वायरस के चलते मृतकों का आंकड़ा शनिवार को 239 पर पहुंच गया और कुल संक्रमितों की संख्या 7,447 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 6,565 लोग संक्रमण की चपेट में हैं जबकि 642 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और एक व्यक्ति विदेश चला गया है. मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार शाम से अब तक 40 लोगों की मौत हुई है.

गृहमंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव के अनुसार देशभर से मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों को पीपीई और सुरक्षा गियर उपल्ब्ध न होने की शिकायत को संजीदगी से लिया है और गृहमंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को आवश्यकता अनुसार सुरक्षा प्रदान की जाए.

कोरोना ने ली जिंदगी 

17 मौत मध्य प्रदेश में, 13 महाराष्ट्र में, दो गुजरात में और एक असम में हुई है. कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा 110 मौत महाराष्ट्र में हुई है. इसके बाद मध्य प्रदेश में 33, गुजरात में 19 और दिल्ली में 13 लोगों की मौत हुई है. पंजाब में 11 मौत जबकि तमिलनाडु में आठ और तेलंगाना में सात लोगों की मौत हुई है.

आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में छह-छह लोगों की मौत जबकि पश्चिम बंगाल में पांच लोगों की मौत हुई है.

जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में जहां चार-चार मौत हुई है वहीं हरियाणा और राजस्थान में तीन-तीन लोगों ने वायरस के कारण अपनी जान गंवाई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक केरल में दो लोगों की मौत हुई है. बिहार, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, झारखंड और असम प्रत्येक से एक-एक व्यक्ति की मौत की खबर है.

कुल 7,447 संक्रमितों में 71 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.

मृतकों का आंकड़ा शुक्रवार की शाम तक 206 था.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों और विभिन्न राज्यों के आंकड़ों में अंतर है. अधिकारी इसके पीछे प्रक्रियात्मक देरी को वजह बता रहे हैं जो इसे लेकर हो रही है कि कौन सा मामला किस राज्य से जुड़ा है.

किस राज्य में कितने संक्रमित

मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण के सबसे अधिक 1,574 मामले महाराष्ट्र से आए हैं. इसके बाद तमिलनाडु से 911 और दिल्ली से 903 मामले सामने आए.

राजस्थान में मामले बढ़कर 553 हो गए जबकि तेलंगाना में 473, मध्य प्रदेश में 435 और उत्तर प्रदेश में 431 मामले दर्ज किए गए.

केरल में 364 और आंध्र प्रदेश में 363 मामले सामने आए. गुजरात में अब तक 308 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हई है.

कर्नाटक में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 207, जबकि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा दोनों में 177 हो गए हैं.

पंजाब में अभी तक 132 जबकि पश्चिम बंगाल में 116 मामले सामने आए. बिहार में इस विषाणु से 60 लोग संक्रमित पाए गए जबकि ओडिशा में कोरोना वायरस के 48 मामले दर्ज किए गए हैं. उत्तराखंड में 35 और असम में 29 मरीज सामने आए हैं. इसके बाद हिमाचल प्रदेश में 28 मामले हैं. चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़ में 18-18 मामले सामने आए जबकि लद्दाख में 15 और झारखंड में 14 लोग संक्रमित पाए गए.

अंडमान और निकोबार द्वीप में 11 मामले दर्ज किए गए हैं. गोवा में संक्रमण के सात मामले सामने आए. इसके बाद पुडुचेरी में पांच मामले सामने आए. मणिपुर में दो जबकि त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक मामला सामने आया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा है, ‘राज्यवार आंकड़ों की अभी और पुष्टि एवं मिलान किया जा सकता है.’

share & View comments