नई दिल्ली: 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपी उमर सईद शेख की रिहाई के फैसले की अमेरिका की आलोचना के बाद भारत ने भी आपत्ति जताई है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत इस मामले को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के सामने ले जाने की बात कह रहा है. यह आतंकवाद के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा करती है.
वहीं इससे पहले दक्षिण एशिया मामलों की शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने कहा, ‘डेनियल पर्ल की हत्या के दोषियों की सजा पलटना आतंकवाद के हर पीड़ित का अपमान करना है.’
ये रहा मामला
दिप्रिंट के एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता ने कट द क्लटर के अपने लाइव एपिसोड में बताया कि वॉल स्ट्रीट जर्नल के खोजी पत्रकार डेनियल पर्ल की 2002 में पकिस्तान में हत्या हुई थी. बहुत नृशंस तरीके से डेनियल का गला काटकर और वीडियो बनाकर दिखाया गया था जिससे दुनिया हिल गई थी. इसके बाद कुछ लोग पकड़े गए थे जिनमें उमर सईद शेख शामलि था.
पाकिस्तान की एक एंटी टेरर कोर्ट ने फांसी की सजा दी थी. लेकिन अब सिंध की एक अदालत ने दोषमुक्त करार दे दिया है और कहा है कि एंटी टेरर कोर्ट का फैसला गलत था, इनके ऊपर हत्या का जुर्म सिद्ध नहीं होता है. अदालत ने माना कि अगवा करने का जुर्म है. इसके लिए 7 साल की जेल होती है, जो कि पूरी हो चुकी है.
पाकिस्तान की सरकार ने अब कहा है कि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.
उमर सईद शेख
उमर सईद शेख लंदन में पला-बढ़ा और एलएसी में पढ़ा. अमेरिका में रह रहा था. परवेज मुशर्रफ पर अटैक के दो प्रयासों में एक में इसका भी हाथ में माना जाता है. 26/11/ 2008 मुंबई हमले के बाद जेल से ही इसने पाकिस्तान पर भारत के हमले की अफवाह फैलाई थी.
अमेरिका ने मौत की सजा को कैद में बदलने की आलोचना की
अमेरिका ने पाकिस्तान के उस फैसले की आलोचना की है जिसमें अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के मुख्य दोषी की मौत की सजा कैद में बदल दी गई थी. उसने इस फैसले को ‘अपमानजनक’ बताया.
दक्षिण एशिया मामलों की शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने कहा, ‘डेनियल पर्ल की हत्या के दोषियों की सजा पलटना आतंकवाद के हर पीड़ित का अपमान करना है.’
वेल्स ने हालांकि पाकिस्तानी अभियोजक के फैसले के खिलाफ अपील करने के निर्णय का स्वागत भी किया.
उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तान के फैसले के खिलाफ अपील करने के निर्णय का स्वागत करते हैं. डेनियल के अपहरण और हत्या के मामले के आरोपियों को पूरी सजा मिलनी चाहिए.’
गौरतलब है कि पाकिस्तान की एक अदालत ने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या मामले के मुख्य दोषी एवं ब्रिटिश मूल के अलकायदा नेता अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा बृहस्पतिवार को सात साल कैद में बदल दी और साथ ही तीन अन्य को मामले में रिहा कर दिया.
‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख 38 वर्षीय पर्ल को 2002 में कराची से अगवा कर लिया गया था और उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी.
वह पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठन अल-कायदा के बीच संबंध की पड़ताल करने वाली एक स्टोरी के सिलसिले में वहां गए थे.
वेल्स ने पाकिस्तान के अभियोजकों की ओर से मिले संकेतों का स्वागत किया, जिनके मुताबिक वे शेख की सजा पलटने के खिलाफ अपील करेंगे.
अदालत ने पलटा फैसला
वहीं इससे एक दिन पहले पाकिस्तान की एक अदालत ने 2002 के अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या मामले के मुख्य आरोपी की मौत की सजा को सात साल कैद में बदल दिया था.
दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रिटेन में जन्मे अहमद उमर शेख को आतंकवाद निरोधी अदालत ने जो सजा सुनाई थी, उसे सिंध उच्च न्यायालय ने पलट दिया था.
डॉन की खबर के मुताबिक मुख्य अभियुक्त अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा सात साल की जेल में बदल दी गई है, जबकि अन्य तीन दोषियों, फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल- जिन्हें पहले उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी अदालत ने बरी कर दिए हैं.
न्यायमूर्ति मोहम्मद करीम खान आगा की अध्यक्षता वाली दो-न्यायाधीशों वाली एसएचसी पीठ ने पिछले महीने दोषियों की अपील पर फैसला सुनाया था, जो पिछले 18 वर्षों से लंबित है, और राज्य की एक अपील पर सुनवाई सुनने और रिकॉर्ड की जांच करने के बाद सजा बढ़ाने की मांग की गई थी.