नई दिल्ली: चीन एक बार फिर से दुनिया के निशाने पर है. इस बार अपने यहां की ‘वेट मार्केट्स’ को दोबारा खोलने की वजह से. करीब दो महीने के लॉकडाउन के बाद चीन ने कोरोनावायरस पर जीत का एलान किया है और जन जीवन यहां वापस पटरी पर लौट रही है. ऐसे में डेली मेल की एक रिपोर्ट का कहना है कि चीन में बिल्कुल पहले की तरह ही वेट मार्किट चालू हो गए हैं.
क्या है वेट मार्केट्स ?
वेट मार्केट्स ऐसी जगह हैं जहां तंग गलियारों में, खुले आसमान के नीचे जिंदा या मुर्दा जानवरों को भोज्य पदार्थों के तौर पर बेचा जाता है. इनमें तरह-तरह के पक्षी, मछलियां, खरगोश, कछुए और यहां तक कि रेंगने वाले प्राणी जैसे कि सांप भी होते हैं. वेट का अर्थ है गीला. इन बाज़ारों में चारों ओर पानी ही नज़र आता है. ऐसा कुछ मरे हुए जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए रखी बर्फ के पिघलने से नज़र आता है, तो कुछ मारने के बाद जानवरों का खून साफ़ करने के लिए बिखेरा जाता है. इस तरह के बाज़ार यूं तो दुनिया भर में हैं पर ये कुछ एशिआई देशों जैसे कि चीन, हांगकांग, सिंगापुर आदि में ज्यादा प्रचलित हैं. अलग-अलग जानवर पिंजरे में बंद होते हैं और यहां आए ग्राहक बड़ी सख्या में जिंदा या मरे हुए जानवरों के मांस की खरीददारी करते हैं.
क्यों है वेट मार्किट सुर्ख़ियों में
चीन की वेट मार्किट के तार कोरोनावायरस से जुड़े हुए हैं. चीन के सेंटर ऑफ़ डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डायरेक्टर गाओ फु ने जनवरी में एक प्रेस वार्ता में कहा था कि चीन के वुहान की एक वेट मार्किट से संभवतः कोरोनावायरस फैलना शुरू हुआ. 2002-04 में शुरू हुए एसएआरएस (सार्स) वायरस की शुरुआत भी ग्वांगडोंग की वेट मार्किट से हुई बताई जाती है. इस वायरस ने उस समय दुनिया के 29 देशों के 800 लोगों की जान ली थी.
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2003 में सार्स फैलने के बाद चीन ने अस्थायी रूप से वेट मार्केट्स पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जुलाई में घोषणा की कि इस वायरस पर काबू पा लिया गया है. इसके बाद अगस्त में ये प्रतिबन्ध हटा दिया गया था.
रोक लगाने की मांग
इन मार्केट्स में साफ़-सफाई के हालात बदतर होने के कारण इन्हें पशुजन्य बीमारियों की एक बड़ी वजह माना जाता है. पशु जन्य रोग (जूटोनिक डीज़ीज़) वो बीमारियां हैं जो वायरस, बैक्टीरिया की वजह से होती हैं और जानवरों से इंसानों में स्थानांतरित होती हैं. इन मार्केट्स में जिंदा और मरे हुए कई जानवर एक साथ ही रखे होते हैं. कई बार इनमें कुछ जंगली पशु और कुछ विलुप्त प्रजातियां भी शामिल होती हैं. ऐसे में बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, एबोला और सार्स जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
जानवरों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली संस्था पेटा ने पीटीशन जारी किया जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन से दुनिया भर की वेट मार्किट पर रोक लगाने की मांग की है. एक डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक़, चीन के लोग समझ रहे हैं कि अब कोरोनावायरस समाप्त हो गया है, इसलिए वे दोबारा बड़ी तादाद में ऐसी मार्केट्स में जा रहे हैं. हालांकि साफ़ सफाई के मामले में इन जगहों में कोई तब्दीली नहीं आई है.
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दुनिया भर के विशेषज्ञ चीन की इन मार्केट्स को बंद करने को लेकर आवाज़ उठा रहे हैं. आज ही ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मोरिसन ने भी कहा कि विश्व के स्वास्थ्य को देखते हुए डब्ल्यूएचओ को इस मामले में कुछ करना चाहिए.
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