नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोविड-19 के खतरे को लेकर 21 दिन के लिए हुए लॉकडाउन के बीच व्यक्तिगत तौर पर लोगों का मनोबल बढ़ा रहे हैं. इस सिलसिले में उन्होंने चीन के वुहान से निकाले गए कश्मीरी छात्र और पुणे के नर्स से बात की और उनके अनुभवों को साझा किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चीन के वुहान शहर से निकाले गए एक छात्र और पुणे के नायडू अस्पताल की एक नर्स के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और उन्हें कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए प्रेरित किया.
प्रधान मंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के कासकूट बनिहाल के निवासी निजामुर रहमान से बात की, जो शहर में वुहान में एमबीबीएस कर रहे हैं, जहां से कोरोनोवायरस की उत्पत्ति हुई थी. 60 कश्मीरी छात्रों के साथ, रहमान को हाल ही में चीन से निकाला गया था. रहमान से बात करते हुए, मोदी ने उन्हें चीन से भारत क्वारेंटाइन का अपने अनुभव साझा करने के लिए कहा. प्रधान मंत्री ने कहा, ‘आपने महसूस किया होगा कि यह वायरस कितना खतरनाक है.’
रहमान ने कहा, ‘सर, मैं वुहान में एमबीबीएस की पढ़ाई करता हूं. हम वुहान में बहुत तनाव में थे. हम भारत सरकार को हमारी मदद करने और हमें देश वापस लाने के लिए धन्यवाद देते हैं. हमने क्वारेंटाइन के दौरान किसी भी कठिनाई का सामना नहीं किया.’
रहमान ने कहा, ‘हमें इनडोर खेलों सहित हर सुविधा प्रदान की गई. हम कश्मीर से 60 छात्र थे. हम अपने क्षेत्र में जागरूकता फैला रहे हैं. हम सभी घाटी में सुरक्षित हैं.’
छात्र ने सभी छात्रों को समय पर सहायता प्रदान करने के लिए प्रधान मंत्री मोदी को धन्यवाद दिया.
बाद में, प्रधान मंत्री ने पुणे में नायडू अस्पताल में काम करने वाली नर्स चया से बात की और संकट के बीच राष्ट्र की भलाई के लिए नि:स्वार्थ भाव से काम करने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का आभार जताया.
प्रधानमंत्री ने चया से पूछा कि वह काम और परिवार के साथ कैसे मैनेज कर रही हैं, उन्होंने कहा, ‘सर, मैं अच्छी हूं. हम अपने परिवार के बारे में चिंति हैं, लेकिन हमें काम करना पड़ेगा. यह हमारा कर्तव्य है. मरीज चिंतित हालत में आते हैं. हम उनका मनोबल बढ़ाते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘सात कोविड-19 रोगियों को अस्पताल में ठीक किया गया है. हम रोगियों से बहुत विनम्रता से बात करते हैं और उन्हें सहज बनाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करते हैं. मरीजों के परिवारों को अनुमति नहीं है. केवल स्टाफ को ही अनुमति है.’
सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और डॉक्टरों को एक संदेश देते हुए, चया ने कहा, ‘डरने की कोई जरूरत नहीं है, काम करते रहो. अपने संयुक्त प्रयासों से जल्द से कोरोना लड़ाई जीतेंगे.’
उन्होंने कोविड-19 लड़ाई के खिलाफ दिन-रात काम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया.
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने चिकित्सा उपकरण और दवा निर्माण उद्योग, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के हितधारकों, रेडियो उद्योग, वाराणसी के उद्योग के प्रमुखों जैसे समाज के विभिन्न वर्गों के साथ एक वीडियो सम्मेलन आयोजित किया था. वह नियमित रूप से विभिन्न मुख्यमंत्रियों, केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ फोन पर संपर्क में रहे हैं.
इस बीच, उन्होंने आयुष क्षेत्र के चिकित्सकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि आयुष क्षेत्र में राष्ट्र को स्वस्थ रखने की एक लंबी परंपरा है और कोविड-19 से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों में इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है.
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट्स के साथ)