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Friday, 22 November, 2024
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कोविड-19 को देखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट 75 बेसिस प्वाइंट्स घटाई, कम हो सकती है मासिक किश्त

दरों में कमी करने के आरबीआई के फैसले से करोड़ों लोगों को फायदा मिल सकता है. होम, कार या अन्य तरह के लोन लेने वाले लोगों को ईएमआई में राहत मिल सकती है.

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नई दिल्ली: भारत के केंद्रीय बैंक आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोनावायरस के प्रभाव को देखते हुए रेपो और रिवर्स रेपो दरों सहित और भी अनेक आर्थिक दरों में कटौती की घोषणा की है.

आरबीआई ने कोविड-19 के प्रभावों के देखते हुए रेपो रेट 75 बेसिस प्वाइंट घटाकर 5.15 से 4.4 प्रतिशत कर दी है और रिवर्स रेपो रेट 90 प्वाइंट्स घटाकर 4 प्रतिशत कर दी है.

दास ने सीआरआर और एसएलआर की दरों में कटौती करने का भी एलान किया. इसी के साथ दोनों अब तीन फीसदी पर आ गए हैं. सीआरआर में 100 बेसिस प्वाइंट की कमी की गई है. एमएसएफ की दरों में भी कटौती की गई है.

दरों में कमी करने के आरबीआई के फैसले से करोड़ों लोगों को फायदा मिल सकता है. होम, कार या अन्य तरह के लोन लेने वाले लोगों को ईएमआई में राहत मिल सकती है.

बता दें कि आरबीआई ने पिछली दो मौद्रिक समीक्षा बैठकों में रेपो रेट को लेकर कोई फैसला नहीं लिया था. दास ने कहा कि सभी कमर्शियल बैंकों को ब्याज और कर्ज देने में तीन महीने की छूट दी जा रही है.

दास ने निजी क्षेत्र के बैंकों को आश्वासन दिया है कि उन्हें अपने फंड की सुरक्षा के लिए चिंता नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग व्यवस्था पूरी तरह सुरक्षित है.

दास ने कहा कि कुछ दिनों से यह भी देखा जा रहा है कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों से बैंक के शेयरों में कमी आई है और कुछ बैंकों की निकासी में भी परेशानी देखी जा रही है.

दास ने कहा कि फरवरी में अर्थव्यवस्था में 2.8 लाख करोड़ रुपए इंजेक्ट किया था. इसबार 3.74 लाख करोड़ रुपए इंजेक्ट किया जाएगा और आर्थिक गतिविधियों के लिए जो भी किया जाना चाहिए वो आरबीआई करेगा.


यह भी पढ़ें: कोविड-19 से निपटने के लिए 1.7 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज, पेट में खाना और हाथ में पैसे देगी सरकार


दास ने कहा कि कोरोनावायरस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है और इसका आउटलुक अनिश्चित और नकारात्मक है. कई देश इसका सामना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारत का वित्तीय बाजार गंभीर तनाव में हैं. वित्त क्षेत्र अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है. इसी के मद्देनज़र आरबीआई काम कर रहा है.

दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी संभावनाएं बढ़ रही हैं कि विश्व का बड़ा हिस्सा मंदी की मार झेल सकता है.

दास ने कोविड-19 से आर्थिक नुकसान की बात को माना और कहा कि इससे कितना नुकसान होगा, इसका अभी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन राहत की बात ये है कि तेल के दामों में कमी आ रही है.

दास ने कहा कि कोरोनावायरस संकट के कारण देश के कई क्षेत्रों पर असर पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में हम ऐसे फैसले कर रहे हैं जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा सके.

बता दें कि गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.7 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का एलान किया था. जिसमें किसानों, गरीबों को लाभ पहुंचाने की बात पर ज़ोर दिया गया है. पैकेज के एलान के बाद शुक्रवार को शेयर बाजार में तेज़ी देखी गई. शुक्रवार को सेंसेक्स 801 अंक चढ़कर 30,747.81 पर खुला वहीं निफ्टी की शुरुआत करीब 3 पर्सेंट की तेजी के साथ 8,949.10 पर हुई.

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