नई दिल्ली : मोदी सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 प्रतिशत कर दी है. यह ब्याज दर पिछले साल यानी वित्तीय वर्ष 2018-19 में ब्याज की दर 8.65 फीसदी थी. श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
Union Labour Minister Santosh Gangwar: Central Board of Trustees have decided to decrease the rate of employees provident fund to 8.5% for 2019-2020. Earlier it was 8.65% pic.twitter.com/wstu4tWXdh
— ANI (@ANI) March 5, 2020
ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी निदेशक मंडल (सीबीटी) ने अपने छह करोड़ उपयोक्ताओं के लिए यह फैसला किया है. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.65 प्रतिशत थी. सीबीटी ईपीएफओ से जुड़े फैसले लेने वाला शीर्ष निकाय है.
अब श्रम मंत्रालय को इस फैसले पर वित्त मंत्रालय से सहमति लेनी होगी, क्योंकि भारत सरकार भविष्य निधि के लिए गारंटी प्रदान करती है. इसलिए वित्त मंत्रालय इस पर दिए जाने वाले ब्याज के प्रस्ताव पर निर्णय करेगा.
वित्त मंत्रालय बहुत समय से श्रम मंत्रालय से भविष्य निधि पर ब्याज को लोक भविष्य निधि, डाक घर की बचत योजनाओं जैसी अन्य लघु बचत योजनाओं के समान करने के लिए कह रहा है.
ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2016-17 में भविष्य निधि पर 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत का ब्याज दिया था. जबकि 2015-16 में यह 8.8 प्रतिशत वार्षिक था.
इससे पहले 2013-14 और 2014-15 में भविष्य निधि पर 8.75 और 2012-13 में 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया गया.