scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होमदेशछत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया के घर में काफी मशक्कत के बाद आईटी टीम की एंट्री

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया के घर में काफी मशक्कत के बाद आईटी टीम की एंट्री

आयकर अफसरों ने जब घर में दो दिन पहले ही लगाई गई सील खोलने की कार्यवाही चालू की तो चौरसिया ने उन्हें रोकते हुए कहा की यह सील वही अधिकारी खोलेंगे जिन्होंने इसे लगाया है.

Text Size:

रायपुर: छत्तीसगढ़ में विगत पांच दिनों से आयकर विभाग द्वारा चलाई जा रही छापों की कार्यवाही में विवाद की धुरी बन चुकी राज्य सरकार की करीबी और मुख्यमंत्री कार्यालय में उपसचिव सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित सूर्या रेजीडेंसी में करीब एक घंटे से लगातार प्रयास करने के बाद दिल्ली और अन्य राज्य से आये आईटी अफसर आखिरकार घर के अंदर काफी ऊहापोह के बीच प्रवेश करने में सफल रहे.

वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इसे संघीय ढांचे को चोट पहुंचाने वाला बताया है.

आयकर विभाग की टीम तयशुदा समय सुबह 8 बजे की अपेक्षा करीब 3 घंटे देरी से 11 बजे के बाद सूर्या रेजीडेंसी पहुंची जहां पर चौरसिया पहले से ही मौजूद थीं. आयकर अधिकारियों ने जब उनके द्वारा घर में दो दिन पहले लगाई गई सील खोलने की कार्यवाही चालू की तो चौरसिया ने उन्हें रोकते हुए कहा की यह सील वही अधिकारी खोलेंगे जिन्होंने इसे लगाया है.

सौम्या ने अधिकारियों को उनके द्वारा लायी गई पेन ड्राइव को भी घर के अंदर ले जाने से यह कहते हुए रोका कि उनके घर के अंदर बाहर की नई पेन ड्राइव का इस्तेमाल किया जाय. आयकर अधिकारियों को लगातार करीब एक घंटे प्रयास के बाद दरवाजा खोलने में कामयाबी मिल पायी.

बताया जा रहा है कि सौम्या के घर के दरवाजे इंटरलॉक पद्वति के हैं यानी अंदर और बाहर दोनों तरफ से लॉक हो सकते हैं. यही कारण था की इन दरवाजों को खोलने में दिक्कतें आ रही थीं. हालांकि बाद में काफी मेहनत के बाद घर के मुख्य द्वार को खोला गया और छापा मारने गयी टीम ने अपनी कार्यवाही आगे बढ़ाया. खबर लिखे जाने तक आयकर विभाग द्वारा सरकार के कुछ विशेष करीबी अधिकारियों में शुमार सौम्या चौरसिया के घर छापेमारी की कार्यवाही जारी थी.

पूरी कार्यवाही 6-10 आईटी के अधिकारी, एक दर्जन सीआरपीएफ के जवान और भारी मात्रा में स्थानीय पुलिस के मौजूदगी में की जा रही थी. वहीं सौम्या भी इस दौरान घर के कैंपस में मौजूद रहीं.

मालूम हो कि आयकर विभाग की रेडिंग टीम सौम्या के घर छापेमारी की कार्यवाही के दूसरे दिन यानी 28 फरवरी को ही पहुंच चुकी थी लेकिन चौरसिया वहां पर मौजूद नहीं थीं. अधिकारियों के रातभर इंतजार के बावजूद भी वह वहां नही पहुंचीं और आयकर विभाग के अधिकारियों की कार्यवाही आगे नही बढ़ पायी.

सूत्रों ने बताया कि आयकर अधिकारियों का कहना था की वे अपनी कार्यवाही सौम्या के मौजूदगी में ही करना चाहते थे. दूसरे दिन भी चौरसिया का इंतजार किया गया लेकिन वह फिर भी नहीं आईं तो अधिकारियों ने बाद में पूरे घर को आधिकारिक रूप से 29 फरवरी को सील कर दिया.

गौरतलब है कि 28 फरवरी के बाद चौरसिया पहली बार 1 मार्च को देर रात अपने घर आईं और वहां पर आयकर विभाग द्वारा चस्पा नोटिस को देखकर मौजूद मीडिया को बताया की उन्हें इस कार्यवाही की जानकारी नहीं थी.

इससे पहले उनके पति सौरभ मोदी ने दिन में वहां जाकर घर का पूरा जायजा लिया और आयकर विभाग की टीम पर आरोप लगाया था कि घर को सील करने की कार्यवाही उनकी गैरमौजूदगी में की गयी जिससे उन्हें आशंका है कि घर के अंदर कुछ रखकर कहीं उन्हें किसी मामले में फंसाने का प्रयास न किया जाय.

मुख्यमंत्री पहुंचे दिल्ली, भाजपा बोली यह तकलीफ क्यों…

आयकर विभाग द्वारा सौम्या के घर में कार्यवाही से पहले यह पूरा मामला एक राजनीतिक रंग ले चुका है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव और रविन्द्र चौबे ने आरोप लगाया है कि इसके पीछे केंद्र द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ बदले की कार्यवाही और उसके बहुमत को अस्थिर करने की साजिश है. बघेल ने रविवार को दिल्ली जाकर कांग्रेस पार्टी के आलाकमान को पूरी घटना से अवगत कराया और अपना पक्ष भी रखा. पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री को मामले को लोकसभा के अंदर उठाने का आश्वाशन भी दिया गया.

बघेल की शिकायत के बाद ही कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रभारी पुनिया और एआईसीसी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को संयुक्त प्रेसवार्ता कर कांग्रेस द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर विरोध जताया. दूसरी तरफ बघेल ने दिल्ली में ही पत्रकारों से एक चर्चा में केंद्र सरकार से मांग की कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह के विकीलीक्स पेपर्स में नाम आने के मामले की जांच कराएं.

वहीं रमन सिंह ने इस मामले में लगातार कह रहे हैं कि आयकर द्वारा की गयी कार्यवाही एक सामान्य प्रक्रिया है. उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत के आधार पर ही यह कार्यवाही की गयी है. यदि किसी अधिकारी के खिलाफ अघोषित संपत्ति मिलती है तो उसके खिलाफ केस चलेगा. छत्तीसगढ़ में ऐसी कार्यवाही कई बार हो चुकी है. संघीय ढांचे पर कुठाराघात तब होता जब कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया जाता.’

जब माल-पानी दबाए नहीं तो क्यों परेशान: भाजपा

शासन और सत्तारूढ़ दल में मची खलबली के एक प्रश्न का जवाब देते हुए प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा संसद रामविचार नेताम कहते हैं, ‘अब कहना नहीं चाहिए लेकिन यह तो चोर की दाढ़ी में तिनका है. जब कुछ किया नहीं है, कोई माल-पानी दबाया नहीं तो क्यों उसके लिए परेशान हो. नोट गिनने वाली मशीनें जब्त हो रही हैं. बालू का पैसा है, दारू का पैसा है और अवैध तरीके से प्लाटिंग का पैसा है. वही पैसा पता नहीं कहां-कहां गया है. उनके पास सारे रिकार्ड्स हैं, जानकारी है. उस पुख्ता जानकारी के आधार पर यह फूलप्रूफ कार्यवाही जो हुई है इससे प्रदेश की जनता के बीच एक मैसेज गया है कि कितना भी बड़ा आदमी हो, यदि जनता की गाढ़ी कमाई का भ्रष्टाचार से कमाया हुआ पैसा है तो कोई तोप भी हो तो बचेगा नहीं.’

भाजपा नेता का कहना है कि सब केंद्र सरकार की राडार पर हैं. नेताम कहते हैं, ‘बहुत सारे अधिकारी चापलूसी में लगे हैं. मैं उन अधिकारियों, ठेकेदारों को एक ज्ञान देना चाहता हूं कि अब सबकी की निगाहे हैं उनके ऊपर हैं. उनके माल कहां-कहां जा रहें हैं, कैसे-कैसे कमाई कर रहे हैं, उन कामाइयों का भी लेखा-जोखा केंद्र के पास पहुंच रहा है और उन्हीं के ही लोग दे रहे हैं. इन्हीं जानकारी के माध्यम से आयकर विभाग हो या फिर अन्य एजेंसियां कार्यवाही कर रही हैं.’

share & View comments