नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग में धारा 144 लगा दी गई है. हिंदू सेना नाम के संगठन ने शाहीन बाग कूच करने का आह्वान किया था जिसके बाद से ही इस क्षेत्र में सुरक्षा इंतजाम को बढ़ा दिया गया है. सीआरपीएफ की टुकड़ियां भी मौके पर तैनात हैं.
शाहीन बाग के पूरे इलाके में ड्रोन के जरिए सुरक्षा की निगरानी की जा रही है. किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो इसलिए प्रशासन पूरी तरह इस क्षेत्र में मुस्तैद है.
ज्वाइंट कमीश्नर डी.सी. श्रीवास्तव ने कहा कि एहतियातन सारे इंतज़ाम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि जिले के आला अफसर और सीआरपीएफ की बाहरी फोर्स व दिल्ली पुलिस भी हमारे पास है. हमारी कोशिश है कि शांति बनी रहे और लोगों में सुरक्षा की भावना बनी रहे.
शाहीन बाग में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई है. शनिवार को हिन्दू सेना ने प्रदर्शन स्थल को खाली करने का आह्वान किया था जिसके बाद सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं.
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शाहीन बाग में पुलिस बंदोबस्त पर डीसीपी आर.पी.मीणा ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक मार्च को शाहीन बाग की तरफ प्रोटेस्ट मार्च निकालने के काफी मैसेज वायरल हुए थे. हमने अमन कमेटी और लोकल नेताओं से बात की, सभी ने एकमत होकर प्रदर्शन रद्द किया. एहतियात के तौर पर हम यहां मौजूद हैं.
अधिकारी ने बताया कि दो महिलाकर्मियों की टुकड़ियों समेत 12 टुकड़ियों को शाहीन बाग में तैनात किया गया है. स्थानीय पुलिस के साथ चार पुलिस जिलों के 100 पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है.
हिंदू सेना ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने शाहीन बाग आंदोलन के खिलाफ रविवार के उनके प्रदर्शन को वापस लेने का उन पर दबाव बनाया.
दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद से ही शाहीन बाग में इस कानून का विरोध करते हुए प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हुए है. 15 दिसंबर से इस क्षेत्र में प्रदर्शन चल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि प्रदर्शन करने के अधिकार को हम नकार नहीं कर सकते. शाहीन बाग के प्रदर्शकारियों से बातचीत करने के लिए शीर्ष अदालत ने तीन वार्ताकारों को भेजा था जिसमें वजाहत हबिबुल्लाह, साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े शामिल थे. इन लोगों ने धरना स्थल पर जाकर कई बार प्रदर्शकारियों से बात करने की कोशिश की और अदालत को अपनी रिपोर्ट पेश की.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)