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Friday, 22 November, 2024
होमदेशपेरिस समझौते की दिशा में पर्यावरण को नुकसान पहुंचा बगैर विकास सुनिश्चित कर रहे: पीएम मोदी

पेरिस समझौते की दिशा में पर्यावरण को नुकसान पहुंचा बगैर विकास सुनिश्चित कर रहे: पीएम मोदी

दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गांधीनगर में सीओपी 13 के प्रतिनिधियों को संबोधित कर पीएम ने जलवायु संबंधी कदमों के लिए भारत का समर्थन जताया.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है जो तापमान में वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के पेरिस समझौते के लक्ष्य को पाने की दिशा में कदम उठा रहे है.

दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गांधीनगर में सीओपी 13 के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जलवायु संबंधी ऐसे कदमों का समर्थन करता है जो संरक्षण के मूल्यों, टिकाऊ जीवनशैली तथा हरित विकास मॉडल पर आधारित हों.

उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने मध्य एशिया हवाई मार्ग में प्रवासी पक्षियों को सुरक्षित रखने संबंधी राष्ट्रीय कार्ययोजना तैयार की है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बगैर विकास हो.’

उन्होंने कहा कि भारत जलवायु संबंधी ऐसे कदमों का समर्थन करता है जो संरक्षण के मूल्यों, टिकाऊ जीवनशैली और हरित विकास मॉडल पर आधारित हो.

हवाई मार्ग पर पक्षियों की सुरक्षा को लेकर पीएम ने कहा कि भारत ने मध्य एशिया हवाई मार्ग में प्रवासी पक्षियों को सुरक्षित रखने संबंधी राष्ट्रीय कार्ययोजना तैयार की है. उन्होंने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बगैर विकास हो.’

दुनिया के भूमि क्षेत्र का 2.4% के साथ, भारत दुनिया में जैव-विविधता का लगभग 8% योगदान देता है.

भारत संरक्षण के मूल्यों के आधार पर, टिकाऊ जीवनशैली और हरित विकास मॉडल के आधार पर जलवायु को लेकर कार्रवाई में चैंपियन रहा है.

सदियों से, वन्यजीव और निवास स्थान का संरक्षण हमारे सांस्कृतिक लोकाचार का हिस्सा रहा है, जो करुणा और सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित करता है.

हमारे वेदों में जानवरों के संरक्षण की बात की गई थी. सम्राट अशोक ने वनों के विनाश और जानवरों की हत्या को रोकने के लिए बहुत जोर दिया.

भारत दुनिया भर से प्रवासी पक्षियों की लगभग 500 प्रजातियों का घर है.

गांधी जी से प्रेरित, अहिंसा और जानवरों और प्रकृति के संरक्षण के लोकाचार भारत के संविधान में उपयुक्त रूप से निहित हैं. कई कानूनों और विधान का जिक्र है.

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

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