वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था के मामले पर सरकार के खराब रिकॉर्ड की वकालत करती नज़र आ रहीं है. और दावा कर रही हैं कि अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के सकारात्मक संकेत दिखने लगे हैं. लेकिन, विनिर्माण क्षेत्र में मामूली सुधार के अलावा, कोई भी अन्य संकेत किसी भी स्पष्ट बदलाव की ओर इशारा नहीं कर रहा है. सरकार केवल की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए बात उसके तेजी से बढ़ने की गारंटी नहीं हो सकता.