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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशसदन में गूंजा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा, मां बनने की उम्र तय करने के लिए बनेगा टास्क फोर्स

सदन में गूंजा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा, मां बनने की उम्र तय करने के लिए बनेगा टास्क फोर्स

बजट 2020 में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपए और पोषण से जुड़ी योजनाओं के लिए 35,600 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की.

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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार लड़कियों के मां बनने की उम्र को लेकर भी चर्चा कर रही है. इसके लिए एक टास्क फोर्स गठित किया जाएगा जो छह महीने में इस मामले पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. साथ ही 10 करोड़ परिवारों के न्यूट्रिशन की जानकारी भी दी जाएगी. केंद्र सरकार सिर्फ बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ ही नहीं बल्कि महिलाओं के पोषण को लेकर भी ध्यान केंद्रित कर रही है. बजट भाषण के दौरान निर्मला ने कहा महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपए और पोषण से जुड़ी योजनाओं के लिए 35,600 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की हैं.
महिलाओं के लिए पेश किए जा रहे बजट के दौरान सदन में विपक्षी दलों ने जैसे ही हंगामा शुरू किया सीतारमण ने यह कह कर चुप करा दिया कि महिलाओं के मुद्दों पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. बजट पेश किए जाने के दौरान निर्मला सीतारमण ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पोषण अभियान की भी चर्चा की.


संसद में बजट के दौरान अपने संबोधन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार की अति महत्वकांशी योजना ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का खास जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की इस योजना के शानदार परिणाम देखने को मिले हैं. लड़कियां अब बड़े पैमाने पर ना सिर्फ पढ़ रहीं हैं बल्कि स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या में पहले की तुलना में काफी बढ़ी है. साथ ही लड़कियों और लड़कों के बीच का अनुपात भी घटा है.

महिलाओं का पोषण केंद्र में

बजट 2020 में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपए और पोषण से जुड़ी योजनाओं के लिए 35,600 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की.सीतारमण ने 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए 9500 करोड़ रुपये मुहैया कराये गये हैं.
इस दौरान निर्मला ने बताया कि 6 लाख से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिया गया है. यही नहीं सरकार लड़कियों के मां बनने की उम्र को लेकर भी चर्चा कर रही है. इसके लिए एक टास्क फोर्स गठित किया जाएगा जो छह महीने में इस मामले पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. साथ ही 10 करोड़ परिवारों के न्यूट्रिशन की जानकारी भी दी जाएगी.


बता दें कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को पिछली बार के बजट में 29,164.90 करोड़ रुपए आवंटित किए थे. इससे पहले वित्तीय वर्ष में केंद्र ने मंत्रालय को 24,758.37 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था. महिला एवं बाल विकास केंद्रीय मंत्री स्मृति ने इसे लेकर कहा था कि इस बढ़ोतरी से महिलाओं के विकास कार्यों को मजबूती मिलेगी. 29,000 करोड़ के बजट में से 9,834.37 करोड़ रुपए आंगनवाड़ी सेवाओं के लिए दिए गए थे. इसके अलावा मोदी सरकार की महत्वकांशी योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के लिए 280 करोड़ रुपए का बजट दिया गया था. गौरतलब है कि पिछले बजट में सामाजिक कार्यों को केंद्र में रखा गया था. पिछले सालों की तुलना में 2019-2020 का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का बजट 17 फीसदी अधिक था.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कुपोषण दूर करने के लिए शुरू की गई योजना पोषण अभियान के लिए केंद्र ने पिछले तीन सालों में लगातार बजट में बढ़ोतरी की है. जैसे वित्तीय वर्ष 2017-2018 में 950 करोड़ रुपए थे तो 2018-2019 में 3,061 और साल 2019-2020 में 3,400 करोड़ रुपए.
गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ज़िम्मेदारी स्मृति ईरानी को सौंपी गई थी. इससे पहले मेनका गांधी ये मंत्रालय संभाल रही थीं.
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