नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाए दोषियों के वकील द्वारा मांगे सभी संबंधित दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं. पुलिस की ओर पेश हुए लोक अभियोजक ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार जैन को बताया कि दोषी केवल ‘विलंब करने की तरकीब’ अपना रहे हैं.
अदालत ने इस बहस के बाद कहा कि आगे किसी दिशा-निर्देश की आवश्यकता नहीं. अदालत ने दोषी के वकील की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें कहा गया था कि तिहाड़ जेल दस्तावेज नहीं सौंप रही है.
धीमा जहर
वहीं मामले में देरी करने के लिए निर्भया के दोषी विनय शर्मा के वकील ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल को ‘धीमा जहर’ दिया गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं दी जा रही है. इसके बाद अभियोजन ने दिल्ली की अदालत को बताया कि दोषी विलंब की तरकीब अपना रहे हैं.
निर्भया मामले में चार दोषियों में से तीन की ओर से पेश हुए वकील ने शुक्रवार को अदालत का रुख करते हुए आरोप लगाया कि तिहाड़ जेल के अधिकारी कुछ दस्तावेज नहीं दे रहे हैं और इसी वजह से उन्हें दया तथा सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने में देरी हो रही है.
अभियोजन पक्ष ने अदालत को सूचित किया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दोषियों के वकील द्वारा मांगे गए सभी संबंधित दस्तावेज उन्हें पहले ही मुहैया करा दिए हैं.
ए. पी. सिंह ने आरोप लगाया कि जेल अधिकारियों ने अभी वे दस्तावेज नहीं दिए हैं जो विनय कुमार शर्मा (26) के लिए दया याचिका और अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन सिंह (25) के लिए सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने के लिए आवश्यक हैं.
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में दो अन्य दोषियों विनय और मुकेश सिंह (32) की सुधारात्मक याचिकाएं खारिज कर दी थीं. राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी.
अदालत के आदेश के अनुसार, सभी चारों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी होनी है.
पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में वीभत्स सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था. उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया.