scorecardresearch
Thursday, 21 November, 2024
होमदेशनीतीश ने बिहार में 16,443 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला का नेतृत्व किया, विपक्ष ने बताया 'धोखाधड़ी'

नीतीश ने बिहार में 16,443 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला का नेतृत्व किया, विपक्ष ने बताया ‘धोखाधड़ी’

बिहार सरकार का कहना है कि पर्यावरण के लिए मानव श्रृंखला में 4.29 करोड़ का सुधार हुआ है. यदि इस आंकड़े की पुष्टि होती है, तो यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा.

Text Size:

पटना: बिहार में सभी सरकारी कार्यालय रविवार को एक विशाल आयोजन के कारण खुले थे- पर्यावरण के लिए नीतीश कुमार सरकार के जल-जीवन-हरियाली मिशन को चिह्नित करने के लिए एक मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया था.

सरकार का दावा है कि मानव श्रृंखला 16,443 किमी लंबी थी और लगभग 4.29 करोड़ लोगों ने इसमें ध्यान केंद्रित किया. यदि इन आंकड़ों की पुष्टि की जाती है, तो नीतीश और बिहार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम पा सकते हैं.

इस मेगा मिशन की निगरानी के लिए सुबह 11.30 से दोपहर 12 बजे के बीच 12 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे.

नीतीश और उनके मंत्री पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में श्रृंखला का हिस्सा थे. अकेले राज्य की राजधानी में श्रृंखला की लंबाई 708 किमी होने का अनुमान था.


यह भी पढ़ें : बिहार के वो शक्तिशाली आईएएस अधिकारी, जिन पर नीतीश कुमार अपने मंत्रियों से ज्यादा निर्भर हैं


सीएम इस कार्यक्रम के आयोजन में इतने तल्लीन थे कि पिछले दो महीनों में वे शायद ही पूरे एक सप्ताह तक पटना में रहे हों. आयोजन से छह दिन पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह केवल 19 जनवरी के बाद विवादास्पद सीएए- एनआरसी-एनपीआर सहित अन्य मुद्दों पर बोलेंगे.

राजनीतिक ध्रुवीकरण

नीतीश ने अलग-अलग मुद्दों पर मानव श्रृंखला के आयोजन के लिए 19 जनवरी का दिन तय किया- यह चार साल में तीसरी बार है जब नितीश सरकार ये आयोजन कर रही है. 2017 में राज्य में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए था, जबकि दूसरा 2018 में बाल विवाह और दहेज के खिलाफ था.

पहले दो मानव श्रृंखलाओं में सामाजिक कारण के नाम पर विपक्ष की कुछ भागीदारी थी. 2017 में जब नीतीश की जद(यू) , राजद और कांग्रेस के साथ ‘ग्रैंड अलायंस’ का हिस्सा थी, भाजपा ने विपक्ष में होने के बावजूद, मानव श्रृंखला का समर्थन किया था, जिसमें नेताओं ने राज्य इकाई के कार्यालय में खड़े होकर समर्थन किया था.

हालांकि, इस बार राजनीतिक ध्रुवीकरण है और विपक्षी दल मानव श्रृंखला से दूर रहे हैं. भाजपा के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने दिप्रिंट को बताया, ‘पर्यावरण दुनिया भर में चिंता का विषय है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दलों ने मानव श्रृंखला का विरोध करने का फैसला किया है और महत्वपूर्ण मुद्दे पर चिंता नहीं दिखाई है.’

डिप्टी सीएम मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत 24,500 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की हैं लेकिन विपक्ष आश्वस्त नहीं है.

राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने दिप्रिंट को बताया कि मानव श्रृंखला बिहार के लोगों पर नीतीश कुमार को युगपुरुष (युग का प्रतीक) के रूप में पेश करने के लिए एक धोखाधड़ी के रूप में है. पूरे राज्य में सड़कों और अन्य सरकारी परियोजनाओं के नाम पर पेड़ों को काट दिया गया है.


यह भी पढ़ें : नीतीश मीडिया के सामने खो रहे हैं आपा, राजनीति में करो करो या मारो की स्थिति


तिवारी ने आरोप लगाया, ‘जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत घोषित परियोजनाओं का उद्देश्य जदयू समर्थकों को ठेका देकर लाभान्वित करना है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया, ‘पिछली मानव श्रृंखला की घटनाएं भी विफल रहीं क्योंकि निषेध एक मजाक बन गया है देश में दहेज हत्या और बाल विवाह के मामलों की बिहार सूची में सबसे ऊपर है.’

तेजस्वी यादव ने नीतीश की खिंचाई की

राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को लताड़ लगायी है. उन्होंने कहा, बच्चों के शरीर पर कोई कपड़ा नहीं, पैरों में चप्पल नहीं, हाथों में कलम नहीं, पेट में रोटी नहीं, युवाओं के लिए नौकरी नहीं लेकिन (नीतीश के) चेहरे को चमकाने के लिए करोड़ों खर्च कर दिए गए. नैतिक कुमार का नाटक मानवीय मूल्यों के खिलाफ है. अगर कोई कुर्सी कुमार से सवाल करता है, तो सरकार विज्ञापन देना बंद कर देती है.

जद(यू) के मंत्री नीरज कुमार ने भी पलटवार किया, उन्होने कहा, वे विपक्ष के रुख पर हैरान थे.

नीरज कुमार ने कहा, राजद संपत्ति और भ्रष्टाचार, बलात्कार के आरोपी राज बल्लभ यादव और मोहम्मद शहाबुद्दीन जैसे लोगों के पक्ष में एक मानव श्रृंखला चाहती थी, पर्यावरण विश्वव्यापी महत्व का मुद्दा है. हम विपक्ष की बुद्धिमत्ता और उसके राजनीतीकरण के प्रयासों पर सवाल उठाते हैं.

जदयू नेताओं का कहना है कि मानव श्रृंखला एक रैली की तरह है, और वे इसके राजनीतिक प्रभाव को लेकर स्पष्ट नहीं हैं लेकिन इसने नीतीश कुमार को एक राजनेता की छवि दी है. उन्होंने कहा कि राजनेताओं को सामाजिक मुद्दों में हस्तक्षेप करने की जरूरत है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments