सीएए-एनआरसी पर सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली विपक्ष की बैठक से कई क्षेत्रीय दलों- टीएमसी, एसपी, बीएसपी, आप, डीएमके और शिवसेना की अनुपस्थिति एक राष्ट्रीय भाजपा विरोधी मोर्चे की अव्यवहारिकता और अविश्वसनीयता को रेखांकित करती है. पॉपुलर राजनीति, जो स्वाभाविक रूप से अवसरवादी और अस्थायी है, मुद्दों पर आधारित रचनात्मक जन राजनीति का विकल्प नहीं हो सकती.
खुदरा महंगाई से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आरबीआई को महत्वपूर्ण कदम उठाने से नहीं रोका जाना चाहिए
खुदरा मुद्रास्फीति में 7.35% की तेज वृद्धि पर आरबीआई को फरवरी में फिर से दरों पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह महंगाई सब्जी की कीमतों में अस्थाई वृद्धि की वजह से है. सरकार को 11 साल के निचले स्तर से अर्थव्यवस्था को उठाने के लिए विस्तारक बजट लाने से भी नहीं रोका जाना चाहिए.