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Saturday, 23 November, 2024
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सीएए-एनआरसी पर विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होंगी मायावती, ममता और आम आदमी पार्टी

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही विपक्षी दलों की बैठक में आने से स्पष्ट इंकार कर चुकी हैं.

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नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विभिन्न विश्वविद्यालय परिसरों में प्रदर्शनों के बाद हिंसा के कारण उत्पन्न हुए हालात पर चर्चा के लिए कांग्रेस द्वारा आहूत विपक्षी दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) संभवत: हिस्सा नहीं लेगी.

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आप इस बैठक में शामिल नहीं होगी.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों की रणनीति पर चर्चा करने के लिए सोमवार को यह बैठक बुलाई.

वाईएसआर कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी, शिवसेना भी कांग्रेस द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगे. समाजवादी पार्टी, एनसीपी, लेफ्ट पार्टी, डीएमके, आरजेडी, लोकतांत्रिक जनता दल इस बैठक में शामिल होगी. इस बैठक में बड़े क्षत्रप नदारद हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन की सरकार चला रहे हैं. ऐसे में इस बैठक में शिवसेना का शामिल नहीं होना बड़े सवाल खड़े कर रही है.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर चर्चा के लिए कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में बसपा शामिल नहीं होगी.

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के साथ बसपा के मतभेद को इस कदम का कारण बताया जा रहा है.

मायावती ने ट्वीट किया कि उनकी पार्टी सीएए और एनआरसी के खिलाफ है, लेकिन बैठक में शामिल होने से राजस्थान में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता हतोत्साहित होंगे जहां कांग्रेस ने उनकी पार्टी में तोड़फोड़ की है.

उन्होंने कहा कि जैसा कि सबको पता है कि राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को बसपा द्वारा बाहर से समर्थन दिए जाने के बावजूद दूसरी बार ऐसा हुआ कि बसपा विधायकों को कांग्रेस ने अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया जो पूरी तरह गलत है.

मायावती ने कहा कि ऐसी स्थिति में कांग्रेस के नेतृत्व में आज बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में बसपा के शामिल होने से राजस्थान में उसके कार्यकर्ता हतोत्साहित होंगे इसलिए बसपा बैठक में शामिल नहीं होगी.

सीएए के खिलाफ जब विपक्षी दल राष्ट्रपति के पास गए थे, उस वक्त भी बसपा उनके साथ नहीं थी. हालांकि पार्टी ने बाद में इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट की थी.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही इस बैठक में आने से स्पष्ट इंकार कर चुकी हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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