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Friday, 22 November, 2024
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जेएनयू हमले के बाद डर से कई छात्राएं जेएनयू परिसर छोड़ने पर हुईं मजबूर, देशभर में छात्र संगठनों का प्रदर्शन हुआ तेज़

गेटवे ऑफ इंडिया पर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक छात्रा अपने हाथों में फ्री-कश्मीर का पोस्टर के साथ पहुंची. इस पोस्टर पर मुंबई में राजनीति गर्म हो गई है.

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नयी दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार रात हुई हिंसा के बाद छात्राएं सुरक्षा के डर से परिसर छोड़ कर जाने लगीं हैं. कुछ अपने घर लौट गईं और कुछ अपने रिश्तेदारों के यहां चली गई हैं या जा रही हैं. वहीं देशभर में जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.

मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया पर भी कई यूनिवर्सिटी के छात्र रविवार रात से ही प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी विरोध प्रदर्शन में बॉलीवुड के कई निर्देशक और अभिनेता भी देखे गए. इसी विरोध प्रदर्शन के दौरान एक छात्रा अपने हाथों में फ्री-कश्मीर का पोस्टर के साथ पहुंची. जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने इस लड़की को देखा उसे फ्री-कश्मीर का पोस्टर हटाने के लिए कहा. लेकिन तब तक इस पोस्टर पर मुंबई में राजनीति गर्म हो गई है. इस पोस्टर पर सिर्फ भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस के नेताओं ने भी आलोचना की है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सवाल किया कि क्या उन्हें फ्री कश्मीर भारत विरोधी बर्दाश्त है?

इसी बीच मंगलवार सुबह इन प्रदर्शनकारियों को गेटवे ऑफ इंडिया से हटाकर आज़ाद मैदान भेजा जा रहा है.

पूर्व सीएम फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस लड़की के फोटो वाले वीडियो को अपने ट्विटर पर शेयर किया और पूछा कि क्या उन्हें फ्री कश्मीर भारत विरोधी अभियान बर्दाश्त है. फडणवीस ने ‘फ्री कश्मीर’ के पोस्टर वाले विडियो ट्वीट करते हुए लिखा, ‘यह किस बात का प्रदर्शन है? फ्री कश्मीर के नारे क्यों लगाए जा रहे हैं? हम मुंबई में इस तरह के अलगाववादी तत्वों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं?

छात्राएं परिसर छोड़ने लगीं

छात्राओं को छात्रावास से अपने बैग लेकर बाहर निकलते देखा गया. दक्षिणी दिल्ली स्थित विश्वविद्यालय परसिर से बाहर निकल रही कई छात्राओं ने नाम गोपनीय रखने का आग्रह किया और कहा कि उनके परिजन रविवार को हुई हिंसा के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.

कोयना छात्रावास की पंचम ने कहा कि वह अपनी सुरक्षा के डर से परिसर छोड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और वह वापस हरियाणा जा रही हैं.

नेपाल की रहने वाली एक छात्रा ने कहा कि उसके माता-पिता ने उससे कैंपस छोड़ने को कहा है.

हालांकि यहां कुछ अपवाद भी देखने को मिले जिन्होंने कहा कि वे परिसर छोड़ कर नहीं जाएंगी क्योंकि उनकी कुछ जिम्मेदारियां हैं. वहीं कुछ छात्र और छात्राएं इस हिंसा में तोड़े गए कमरों में ही रह रहे हैं. जवाहर लाल नेहरू में रविवार रात हुई हिंसा के बाद देशभर के विश्विद्यालयों में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.

ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में निकाली छात्र संगठनों ने रैलियां

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा के खिलाफ वाम दलों के कार्यकर्ताओं और छात्र संगठनों ने ओडिशा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में सोमवार को सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया.

भुवनेश्वर में प्रदर्शनकारियों नें हाथों में तख्तियां और बैनर ले रखे थे जिनमें ‘जेएनयू में गुंडागर्दी रोको’ और ‘लोकतंत्र बचाओ’ जैसे नारे लिखे हुए थे. इन्होंने शहर के विभिन्न हिस्सों में रैलियां निकालीं और भाजपा नीत केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए.

इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना की निंदा की. महाराष्ट्र के पुणे में विभिन्न छात्र संगठनों और युवा संगठनों ने दिल्ली में जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले के विरोध में सावित्रीभाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया.

महाराष्ट्र के मंत्री एवं कांग्रेस नेता विश्वजीत कदम ने घटना की निंदा की. तमिलनाडु में भी छात्रों ने जेएनयू की घटना की निंदा की और इसके खिलाफ प्रदर्शन किया.

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