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Saturday, 2 November, 2024
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जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा, ‘हम पर हमला भाजपा और संघ के लोगों ने कराया है’

आइशी घोष ने कहा, जेएनयू वीसी इस्तीफ़ा दें क्योंकि मेरे ऊपर हमला जेएनयू के सभी बच्चों पर हमला हैं जिन्होंने मुझे वोट दिया. वीसी इस्तीफ़ा नहीं देते तो शिक्षा मंत्रालय इन्हें हटाए.

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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने प्रेस कांफ्रेंस कर रविवार को कैंपस में हुई घटना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कैंपस में जो हमला हुआ है उसे भाजपा और संघ के लोगों ने कराया है. जेएनयू अध्यक्ष ने कहा कि जो हमला कल जेएनयू में हुआ है उसे जामिया मिलिया इस्लामिया और एएमयू में हुई घटनाओं से अलग करके नहीं देखा जा सकता है.

आइशी ने कहा कि हम पिछले 68 दिनों से फीस रोल बैक कराने की मुहिम चला रहे हैं लेकिन बीते चार-पांच दिनों से एबीवीपी के लोग इस मूवमेंट को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जेएनयूएसयू इसलिए रजिस्ट्रेशन का बायकॉट कर रहा था क्योंकि वीसी शिक्षामंत्री को सुनने को तैयार नहीं हैं. उनके पास आख़िरी रास्ता हिंसा ही बच गई है.

घोष ने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर गंभीर सवाल खड़े किए और कहा, ‘आरएसएस से जुड़े प्रोफेसर मोहापात्रा ने हमें देख लेने की धमकी दी है. कैंपस में गार्डस ने भी छात्रों पर हमला किया.’

उन्होंने कहा, ‘हम लोग जेएनयू टीचर असोसिएशन के साथ साबरमती टी प्वाइंट पर बात कर रहे थे तभी हमें खबर मिली की कैंपस में हमलावर घुस आए हैं. इस बात की जानकारी हमने पास के पुलिस थाने के एसएचओ को अपने फ़ोन से टेक्स्ट और व्हाट्सएप मैसेज भेजकर की. एसपी और इंस्पेक्टर को भी बताया कि मुंह ढंक कर लोग एड-ब्लॉक पर छात्रों को मार रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने इसके आधे घंटे बाद पुलिस से बात की तो पुलिस ने कहा कि हमलावरों को हटा दिया गया है. लेकिन 7 बजे के बाद 60-70 नक़ाबपोशों ने कैंपस पर हमला किया. मैं यहीं चाय पी रही थी. मुझे रास्ते में पकड़ लिया गया. मेरी बहन के साथ-साथ एक और लड़की को एक कार के पास पकड़ लिया गया. हमें 30 लड़कों ने घेर लिया. तभी मेरे सर पर आयरन रॉड से हमला हुआ. उसके बाद घूसा और हथौड़े का भी इस्तेमाल किया गया. हमारी लिंचिंग की कोशिश हुई.

नकाबपोशों में से हीं कुछ लोगों ने कहा कि यहां से भागो इन लोगों को नहीं मारना था. इसके बाद मुझे एम्स ले जाकर मेरा इलाज कराया गया. अपेक्षा और तृप्ति नाम की लड़कियों के शरीर पर चढ़कर उन्हें मारा गया. उन्होंने कहा, ‘जेएनयू के गार्ड्स ने हमें इन लोगों से नहीं बचाया. उल्टे वो ये कह के निकल गए की आप आपस में लड़ाई मत करो.’

आइशी ने कहा कि ये सरकार क्या चाह रही है हमें समझना पड़ेगा. दिल्ली पुलिस गूंगी बनी रही. पहले जामिया के साथ यही हुआ. टीयर गैस तक से हमले हुए. जेएनयू हमारा घर है. संघ और भाजपा हमसे हमारा घर नहीं छीन सकते. आप लोग हमसे हमारी हिम्मत नहीं छीन सकते.

उन्होंने कहा, ‘मेरे सर से खून निकल रहा था. एंबुलेंस से ले जाते वक्त एबीवीपी ने रास्ता रोक दिया. जो मेरे साथ हुआ सही हुआ.. फ़ीस वापसी की मुहिम जारी रहेगी. आप हम पे रॉड से हमला करेंगे, हम जेएनयू की संस्कृति और बहस से जवाब देंगे.. अब हम सीएए और एनआरसी की भी लड़ाई लड़ेंगे.’

आइशी घोष ने कहा, जेएनयू वीसी इस्तीफ़ा दें क्योंकि मेरे ऊपर हमला जेएनयू के सभी बच्चों पर हमला है जिन्होंने मुझे वोट दिया. वीसी इस्तीफ़ा नहीं देते तो शिक्षा मंत्रालय इन्हें हटाए.

उन्होंने कहा, ‘मेरे इलाज के दौरान एम्स के डॉक्टरों ने कहा कि फ़ीस की मार उन्हें भी पड़ी है और वो जेएनयू की फ़ीस रोलबैक को वापस लेने की मांग का समर्थन करते हैं.’

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