नई दिल्ली: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार शाम को हुई हिंसा के बाद से कई राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सहयोगी और बिहार की मुख्य राजनीतिक पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने विश्वविद्यालय कैंपस में हुई घटना की निंदा की है. जदयू के प्रवक्ता और महासचिव केसी त्यागी ने एक बयान जारी कर पार्टी का इस मसले पर रुख स्पष्ट किया.
बयान में लिखा गया है कि जदयू जेएनयू कैंपस में गुंडों द्वारा की गई हिंसा की निंदा की है. जिस तरह निर्वाचित जेएनयूएसयू के पदाधिकारियों पर हमला किया गया है उसकी निंदा की जानी चाहिए. जेएनयू वाद-विवाद और वैचारिक अंतरों के लिए जाना जाता है. इस तरह की घटना कायराना कृत्य है.
बयान में कहा गया है कि जदयू जेएनयू के उप-कुलपति के रवैये और प्रशासन की निंदा करता है, जिसने पूरे मसले पर कुछ नहीं किया बस मूकदर्शक बना रहा. पुलिस अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी निभा पाने में असफल रही.
जदयू ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के जज के नेतृत्व में एक निष्पक्ष जांच हो और वीसी और प्रशासन के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों को उनके पदों से हटाया जाए. हम जेएनयू के छात्रों के साथ हैं.
‘जेएनयू में जो हुआ वो 26/11 के मुंबई आतंकी हमले जैसा’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू हमले की तुलना 26/11 मुंबई आतंकी हमले से करते हुये कहा कि देश में छात्र असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में छात्र सुरक्षित हैं, उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोई कोशिश बर्दाश्त नहीं होगी.
उन्होंने कहा, ‘रविवार की रात में जेएनयू के छात्रों पर हुये हमले ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले की याद दिला दी. मैं महाराष्ट्र में यहां जेएनयू जैसा कुछ भी नहीं होने दूंगा… छात्र देश में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.’ जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों को कायर करार देते हुए, ठाकरे ने कहा कि उनकी पहचान उजागर की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘अगर दिल्ली पुलिस हमले के अपराधियों का पता लगाने में विफल रहती है, तो उन्हें भी कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए.’
गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार की रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी जब लाठियों और लोहे की छड़ों से लैस कुछ नकाबपोशों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके बाद प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी थी.
विश्वविद्यालयों में अशांति का माहौल बना रहे हैं वाम दल, कांग्रेस और आप
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों पर हमले की सोमवार को निंदा की तथा कांग्रेस, आप एवं वाम दलों पर देश में अशांति का माहौल बनाने का आरोप लगाया.
जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘मैं कल रात जेएनयू में हुई हिंसा की निंदा करता हूं. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वाम दलों के कुछ तत्व जानबूझकर देश में, खासकर विश्वविद्यालयों में हिंसा और अशांति का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी जांच होनी चाहिए.’
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार रात कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया तथा संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
एचआरडी ने जेएनयू अधिकारियों के साथ की बैठक, वीसी जगदीश कुमार नहीं हुए शामिल
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हमले के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ सोमवार को बैठक की लेकिन विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार इसमें शामिल नहीं हुए.
बैठक में जेएनयू रजिस्टार, प्रॉक्टर और प्रशासन के अन्य अधिकारी शामिल हुए. उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों को परिसर में हुए हमले के घटनाक्रम और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी.
एचआरडी मंत्रालय ने जेएनयू में रविवार को हुए हमले के बाद तत्काल बैठक बुलाई थी.
मंत्रालय ने रविवार को जेएनयू के रजिस्टार प्रमोद कुमार से छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले के संबंध में तत्काल रिपोर्ट देने को कहा था. इस बैठक के मद्देनजर शास्त्री भवन के बाहर सोमवार को भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जहां एचआरडी मंत्रालय है.
जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने कहा, ‘पूरे घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट एचआरडी मंत्रालय को भेज दी गई है. मौजूदा स्थिति की विस्तृत जानकारी देने के लिए प्रशासन के शीर्ष अधिकारी मंत्रालय में मौजूद हैं.’
जेएनयू की हिंसा निंदनीय है, इसकी न्यायिक जांच हो: सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में हुई हिंसा की निंदा करते हुए सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि इस पूरे मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए.
सोनिया ने एक बयान में कहा, ‘भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज हर दिन दबाई जा रही है. भारत के युवाओं पर भयावह एवं अप्रत्याशित ढंग से हिंसा की गई और ऐसे करने वाले गुंडों को सत्तारूढ़ मोदी सरकार की ओर से उकसाया गया है. यह हिंसा निंदनीय और अस्वीकार्य है.’
जेएनयू के छात्रों पर सोच-समझकर कायराना हमला किया गया : शरद पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों पर ‘सोच-समझकर कायराना हमला’ किया गया. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों को दबाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल कारगर साबित नहीं होगा.
पवार की टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब उनकी पार्टी के मंत्री जितेन्द्र अवहाद ‘गेट वे ऑफ इंडिया’ पर हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों का साथ देने पहुंचे.
पवार ने ट्वीट किया, ‘जेएनयू के छात्रों और प्रोफेसरों पर सोच-समझकर कायराना हमला किया गया. मैं हिंसा और तोड़-फोड़ की इस अलोकतांत्रिक घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. लोकतांत्रिक मूल्यों और विचारों को दबाने के लिए हिंसा का उपयोग कारगर साबित नहीं होगा.’
जेएनयू में भाजपा का छात्रों पर फासीवादी हमला: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए हमले की निंदा की और इसे भाजपा द्वारा किया गया फासीवादी हमला तथा चिंतनीय घटना करार दिया.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा कि उन्होंने एक छात्र नेता के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी लेकिन शैक्षणिक संस्थान पर कभी ऐसा निर्लज्ज हमला नहीं देखा.
गंगासागर की तीन दिवसीसय यात्रा पर जाने से पहले बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, ‘देशभर में जो हो रहा है, वह बेहद चिंतनीय है…. मैं भी एक समय छात्र राजनीति का हिस्सा रही हूं लेकिन कभी छात्रों और शैक्षणिक संस्थान पर ऐसा हमला नहीं देखा.’
उन्होंने कहा, ‘कल छात्र समुदाय पर फासीवादी हमला हुआ.’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है, उसे राष्ट्र विरोधी या पाकिस्तानी करार दे दिया जाता है.
जेएनयू में हुई हिंसा की न्यायिक जांच हो: मायावती
दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार रात हिंसा की घटना को शर्मनाक बताते हुए बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है.
मायावती ने सोमवार सुबह ट्वीट किया, ‘जेएनयू में छात्रों एवं शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय एवं शर्मनाक. केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिये. साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो, तो यह बेहतर होगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)