नई दिल्ली/बंगलुरू: पेजावर मठ के प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी का रविवार सुबह निधन हो गया है. डॉक्टरों ने शनिवार को कहा था कि उनकी हालत बिगड़ती जा रही है. पेजावर मठ उडुपी के ‘अष्ट’ मठों में से एक है. स्वामी विश्वेश तीर्थ के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संवेदना प्रकट की है प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामाजी लाखों लोगों के दिलों में हमेशा बने रहेंगे.
विश्वेश तीर्थ स्वामी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘उडुपी के श्री पेजावर मठ के श्री विश्वेश तीर्थ स्वामीजी उन लाखों लोगों के दिलो-दिमाग में बने रहेंगे, जिनके लिए वह हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका में रहे हैं.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अध्यात्म और सेवा के शक्तिपुंज थे और उन्होंने अधिक न्यायपूर्ण और करुणामय समाज के लिए लगातार काम किया.
Sri Vishvesha Teertha Swamiji of the Sri Pejawara Matha, Udupi will remain in the hearts and minds of lakhs of people for whom he was always a guiding light. A powerhouse of service and spirituality, he continuously worked for a more just and compassionate society. Om Shanti. pic.twitter.com/ReVDvcUD6F
— Narendra Modi (@narendramodi) December 29, 2019
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता हूं कि श्री विश्वेश तीर्थ स्वामीजी से कई बार सीखने का मौका मिला. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हमारी हाल की मुलाकात भी यादगार है. उनका असाधारण ज्ञान हमेशा ही ध्यान आकर्षित करने वाला रहा. उनके अनगिनत अनुयायियों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं.’
मठ के अधिकारियों ने कहा कि स्वामी जी की इच्छा के अनुसार रविवार को उन्हें अस्पताल से मठ ले जाने का फैसला किया था लेकिन वह सुबह ही इस दुनिया को छोड़ कर चल बसे. स्वामी (88) को सांस लेने में कठिनाई की शिकायत के बाद 20 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और तब से वह गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में थे.
डॉक्टरों ने पहले कहा था कि स्वामी जी का निमोनिया का इलाज चल रहा था. विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामीजी ने कहा कि उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें मठ में स्थानांतरित किया जाएगा और वहां आगे के इलाज के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इस बीच उनका निधन हो गया.
तटीय क्षेत्र का दौरा कर रहे मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा स्वामी जी को देखने अस्पताल पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने रविवार को उडुपी में ही रहने का फैसला किया है. वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती स्वामी जी की शिष्या हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने गुरु के ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रही हैं.
उमा भारती ने उन्हें समाज के सभी वर्गों के लोगों के श्रद्धेय और दुर्लभतम संत बताया. उमा भारती ने कहा, ‘मेरे लिए वह न केवल गुरु हैं बल्कि पिता की तरह हैं. मैं उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हूं, क्योंकि समाज को स्वामी जी की बहुत जरूरत है.’
1. मेरे गुरू श्री विश्वेश तीर्थ महाराज पेजावर स्वामी आज अपने भौतिक देह को छोड़कर श्रीकृष्ण लोक को चले गए। उनकी आयु 90 वर्ष थी। उन्होंने 8 वर्ष की उम्र में सन्यास की दीक्षा ली थी। इस तरह से स्वामी जी 82 वर्ष तक सन्यासी जीवन जिये। pic.twitter.com/JVrel4XEYe
— Uma Bharti (@umasribharti) December 29, 2019
उन्होंने कहा, ‘मेरे गुरु एक कर्म योगी हैं और उन्होंने हम सभी को कर्म योगी बनने की शिक्षा दी.’ उमा करीब एक सप्ताह से उडुपी में ही हैं. उमा ने 1992 में स्वामी जी से संन्यास दीक्षा ली थी.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)