नई दिल्ली: निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोषियों में से एक की खुद को नाबालिग बताने वाली याचिका खारिज करते हुए उसके वकील एपी सिंह पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है. अदालत ने कहा कि दोषी के वकील एपी सिंह अदालत के साथ लुका-छुपी का खेल खेल रहे हैं.
Delhi High Court dismisses the plea of Pawan Kumar Gupta, one of the convicts in Nirbhaya case, who had moved the court claiming that he was a juvenile at the time of the offence in 2012 and should be treated under the Juvenile Justice Act. pic.twitter.com/LtUDkho6dP
— ANI (@ANI) December 19, 2019
दोषी पवन कुमार गुप्ता ने याचिका में 2012 में अपराध के वक्त किशोर होने की बात कहते हुए सुनवाई किशोर न्याय अधिनियम के तहत करने की मांग की जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
मामले में दोषी के वकील सिंह ने कोर्ट से ताजा दस्तावेज फाइल करने के लिए 24 जनवरी तक समय मांगा जिस पर अदालत ने कार्रवाई स्थगित कर दी. अदालत ने दोषी के वकील एपी सिंह पर अदालत के साथ लुका छिपी का खेल खेलने के लिए 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया.
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang rape victim: I welcome today's decision. It is very important to teach lesson to such people. I am happy. https://t.co/f84eDoM0UA pic.twitter.com/Ha04ADJKWg
— ANI (@ANI) December 19, 2019
निर्भया की मां आशा देवी ने फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, ‘मैं आज के फैसले का स्वागत करती हूं. यह ऐसे लोगों को पाठ पढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. मैं खुश हूं.’
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोषी की आयु के संबंध में फर्जी हलफनामा दाखिल करने के लिए दिल्ली बार काउंसिल से वकील के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा.