नई दिल्ली: सना गांगुली के द्वारा नागरिकता कानून का विरोध करना पूर्व क्रिकेट कप्तान और बीसीसीआई प्रमुख सौरभ गांगुली के लिए परेशानी का सबब बन गया है. बेटी के पोस्ट के वायरल होने के बाद बेटी की कप्तानी में उतरे पूर्व कप्तान गांगूली ने कहा, ‘उनकी बेटी अभी काफी युवा हैं और उन्हें राजनीतिक मामलों की समझ नहीं हैं. गांगुली ने सोशल मीडिया पर लोगों को राजनीति से दूर रखने की अपील भी की है. उन्होंने अपना ये ट्वीट पिन्नड कर रखा है, साथ ही उन्होंने सना की स्कूल के आखिरी दिन की फोटो भी लगाई है. बता दें कि सना के इंस्टाग्राम अकाउंट से फासीवाद के विरोध में पोस्ट डाली थी जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. पोस्ट के वायरल होते ही सना ने पोस्ट हटा ली है.
सना ने अपनी पोस्ट में कथित तौर पर लेखक खुशवंत सिंह की किताब के अंश के माध्यम से देश के मौजूदा हालात पर निशाना साधते हुए अपना विरोध दर्ज किया है. सना ने अपनी पोस्ट में नीचे खुशवंत सिंह की 2003 में पब्लिश हुई किताब ‘द एंड ऑफ इंडिया’ के किताब के अंश शेयर करने की बात भी लिखी है.
सना की वायरल पोस्ट
सना ने अपनी पोस्ट में लिखा है, ‘हर फासीवादी शासन को समुदाय और समूहों की ज़रूरत होती है जिनको वो बुरा बता कर फलफूल सकें. मगर बात यहीं पर खत्म नहीं होती. घृणा के आधार पर तैयार आंदोलन लगातार डर और विधटन दिखाकर ही आगे बढ़ाया जा सकता है. हम में से जो आज मुस्लिम या ईसाई न होने के कारण सुरक्षित महसूस कर रहे हैं वो मुगालते में जी रहे हैं ‘
एक पेज जितनी लंबी इस पोस्ट में सना ने संघ पर भी निशाना साधा है और कहा है कि संघ ने अभी से ही वामपंथी इतिहासकारों और पश्चिमी सभ्यता पसंद करने वाले युवाओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. ‘
‘कल वे उन महिलाओं के खिलाफ भी होंगे, जो स्कर्ट पहनती हैं, उन लोगों के खिलाफ भी होंगे जो मीट खाते हैं, शराब पीते हैं, विदेशी फिल्में देखते हैं और वार्षिक अनुष्ठान में मंदिर नहीं जाते.
निशाना उनपर भी साधा जाएगा जो लोग दंत मंजन की जगह टूथपेस्ट का प्रयोग करते हैं, वैद्य के पास जाने की जगह एलोपैथिक डॉक्टर से इलाज कराते हैं. ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने के बजाय ‘किस’ करते हैं या फिर हाथ मिलाते हैं. अगर हमें भारत को ज़िंदा रखना है, तो यह चीज़ें समझनी होगीं. ‘
सना की यह पोस्ट बहुत तेज़ी से वायरल हुई. हालांकि सना ने इस पोस्ट को बहुत जल्दी हटा लिया लेकिन इस पोस्ट के साथ लोगों ने सौरभ गांगुली को भी उसकी पोस्ट के साथ टैग किया जाने लगा. सौरभ को टैग की जाने वाली पोस्ट भी काफी रोचक रहीं. अधिकतर पोस्ट में सौरभ गांगुली को डराया और धमकाया गया जबकि कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने सना की पोस्ट के लिए सौरभ को कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व होना चाहिए.
जेएनयू के स्टूडेंट रामा नाग लिखते हैं प्यारे दादा, उसने सच बोला है जिसे कई महारथियों का बोलना बचा है. यदि सही बात कहने के लिए ‘राजनीति में कुछ भी जानने की आवश्यकता नहीं है’, तो यह ‘राजनीति में सब कुछ जानने’ से काफी जानकारी रखने से बेहतर है. उन्होंने सौरभ को यह भी कहा कि उन्हें अपनी बेटी की कृत पर गर्व करना चाहिए.
Dear Dada, she spoke the truth which many legends are yet to speak up. If saying the right thing does not require to "know anything in politics", then it's better than "knowing everything in politics" & keep quite. You as a father should be proud of this act of her! #SanaGanguly https://t.co/XklxdAY9tz
— Rama Naga (@RamaJNUSU) December 19, 2019
वहीं राजेडी प्रमुख की लालू यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने भी साना के पोस्ट को री-ट्वीट करते हुए सना की तारीफ की है. मीसा अपनी पोस्ट में लिखती हैं सौरभ गांगुली की 18 वर्षीय बेटी ने सीएए और एनआरसी पर गज़ब की समझ और परिपक्वता का परिचय दिया है. काश ऐसी समझ हर वह भारतीय दिखाता जो आज संघी सरकार व संघ परिवार की चाल में फंसकर घृणा और नफ़रत का ज़हरीला बाजार सजाए है.
नागरिकता कानून के विरोध में पोस्ट को लेकर आलोचकों के निशाने पर आई बेटी के बचाव में सौरभ को उतरना पड़ा और उन्होंने ट्वीट किया कि उनकी बेटी को राजनीति से दूर रखा जाए..उनकी बेटी अभी काफी युवा हैं और उन्हें राजनीतिक मामलों की उतनी समझ नहीं है.
12 वीं में पढ़ती हैं 18 साल की सना
सना गांगुली फिलहाल 12वीं की छात्रा हैं और वह 18 साल की हैं. पापा ने बेटी की मस्ती भरी स्कूल की फोटो भी शेयर की है. सना मां डोना की तरह ओडिशी डांसर हैं और वह अपने स्टेज परफॉर्मेंस की फोटो भी शेयर करती रहें. वैसे बहुत कम समय में साना सोशल मीडिया सेंशेसन बन गई हैं. साना के 76 हजार से अधिक फॉलोअर हैं और उन्होंने महज़ 75 पोस्ट ही किए हैं.