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Friday, 22 November, 2024
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महाराष्ट्र में कांग्रेस लागू नहीं होने देगी सीएबी, केंद्र ने कहा- राज्यों को इंकार करने का हक नहीं

विधेयक को कई राज्य सरकारों के लागू करने से मना करने के बाद महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता बोले- सीएम उद्धव ठाकरे इस संवेदनशील मुद्दे पर पार्टी का समर्थन करेंगे.

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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक को जहां कई राज्य लागू करने से मना कर चुके हैं वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने कहा है कि राज्यों को ऐसा करने का हक नहीं है.

महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नितिन राउत ने शुक्रवार को कहा कि उनके राज्य में भी इस कानून के लागू होने का सवाल ही नहीं है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस संवेदनशील मुद्दे पर पार्टी का समर्थन करेंगे.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें कांग्रेस और राकांपा गठबंधन के साझेदार हैं.

लोक निर्माण मंत्री राउत ने कहा, ‘कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ है. हमने संसद में इसका पुरजोर विरोध किया और हम इसे महाराष्ट्र में लागू नहीं होने देंगे. राज्य में इसके लागू होने का सवाल ही नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि उद्धव जी इस मामले में हमारा पूरा सहयोग करेंगे.’

इस बीच महाराष्ट्र के ही मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई इस मुद्दे पर केन्द्रीय नेतृत्व के रुख पर आगे बढ़ेगी.

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘हम नागरिकता संशोधन कानून से जुड़े सरकार के कदम की निंदा करते हैं, जो संविधान की भावना के विरुद्ध है. पार्टी की राज्य इकाई इस मुद्दे पर उसी रुख पर आगे बढ़ेगी, जो केन्द्रीय नेतृत्व तय करेगा.’

राज्यों को नागरिकता कानून लागू करने से इनकार करने का हक नहीं है : केंद्र

केंद्र के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकारों को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को लागू करने से इनकार करने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह कानून संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के तहत बनाया गया है.

यह बयान तब आया है जब पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने घोषणा की कि यह कानून ‘असंवैधानिक’ है और उनके संबंधित राज्यों में इसके लिए कोई जगह नहीं है.

गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘राज्यों को ऐसे किसी भी केंद्रीय कानून को लागू करने से इनकार करने का अधिकार नहीं है जो संघ सूची में है.’

कुल 97 ऐसे विषय हैं जो सातवीं अनुसूची की संघ सूची में है और उनके तहत रक्षा, विदेश, रेलवे , नागरिकता, जन्म से संबंधित अधिकार आदि आते हैं.

बृहस्पतिवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि ‘किसी असंवैधानिक कानून का उनके राज्य में कोई स्थान नहीं है.’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, ‘अपने घोषणापत्र में आपने (भाजपा ने) विकास के बजाय, देश को बांटने का वादा किया है. नागरिकता धर्म के आधार पर क्यों होगी. मैं इसे नहीं स्वीकार करूंगी, आपको चुनौती देती हूं.’

उन्होंने कहा, ‘आपने लोकसभा और राज्यसभा से जबरन कानून पारित करवाये क्योंकि आपके पास संख्या बल है. लेकिन हम आपको देश को नहीं बांटने देंगे.’

नागरिकता कानून को देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर सीधा प्रहार करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं होने देगी.

हालांकि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और मध्यमप्रदेश के मुख्यमंत्रियों क्रमश: भूपेश बघेल और कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस पर जो भी रूख अपनाएगी, उनके राज्य उसे मानेंगे.

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

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