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Friday, 22 November, 2024
होमदेशजम्मू पर कश्मीर के आधिपत्य को खत्म करने के लिए नया प्रशासनिक डिवीजन बनाएगी मोदी सरकार

जम्मू पर कश्मीर के आधिपत्य को खत्म करने के लिए नया प्रशासनिक डिवीजन बनाएगी मोदी सरकार

जम्मू कश्मीर के प्रस्तावित नए डिवीजन में तीन जिले जम्मू संभाग के और तीन कश्मीर के होंगे.

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जम्मू: विवादास्पद अनुच्छेद 370 को खत्म करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद मोदी सरकार अब जम्मू संभाग पर कश्मीर के आधिपत्य को और कम करने के लिए केंद्रशासित प्रदेश में एक नया प्रशासनिक डिवीजन बनाने की योजना पर काम कर रही है.

जम्मू कश्मीर प्रशासन के उच्चपदस्थ सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि नए डिवीजन के गठन पर विचार-विमर्श अग्रिम दौर में पहुंच चुका है और इसी महीने या अगले साल के शुरू में इसकी घोषणा की जा सकती है. सूत्रों ने बताया कि नए डिवीजन में कम-से-कम तीन जिले मौजूदा जम्मू डिवीजन से और तीन कश्मीर से – सभी पीर-पंजाल या आसपास के इलाके – लिए जाएंगे.

जम्मू कश्मीर प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘निर्णय पहले ही लिया जा चुका है और अब मात्र तौर-तरीके तय किए जा रहे हैं. इस कदम से चेनाब घाटी जैसे जम्मू डिवीजन के अब तक उपेक्षित रहे इलाकों में विकास कार्यों में नई गति आ सकेगी.’

अधिकारी ने आगे कहा, ‘पर, इससे भी अहम बात ये है कि इस कदम से कश्मीर का अन्य हिस्सों, खास कर जम्मू, पर प्रभुत्व और कम हो जाएगा क्योंकि नया डिवीजन कश्मीर की जनसांख्यिकी को बदल देगा.’

सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले से ही इस योजना में शामिल है, और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इसे जम्मू पर कश्मीर की पकड़ को कमजोर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखती है.

जम्मू-कश्मीर और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हो चुकी है.


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जम्मू कश्मीर के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने विषय की संवेदनशीलता के मद्देनज़र अपना नाम नहीं प्रकाशित किए जाने की शर्त पर कहा, ‘कश्मीरी विधानसभा में अधिक सीटों की वजह से ही राज्य में शासन कर रहे थे और जम्मू क्षेत्र के मुकाबले उनके पास अधिक ताकत थी. पर भाजपा अन्य क्षेत्रों के साथ भेदभाव को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध रही है.’

अविभाजित जम्मू कश्मीर राज्य की 87 सदस्यों वाली विधानसभा में 44 सीटों के साथ कश्मीर संभाग का प्रभुत्व था, जबकि जम्मू संभाग में 37 सीटें ही थीं. साथ ही, तत्कालीन विधानसभा में लद्दाख क्षेत्र से चार विधायक चुने जाते थे. संसद द्वारा अगस्त में पारित जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 के अनुसार जम्मू कश्मीर विधानसभा में – जम्मू कश्मीर अब विधानसभा युक्त केंद्रशासित प्रदेश है – अब पहले के मुकाबले सात अधिक सीटें होंगी. केंद्र सरकार की जम्मू कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की भी योजना है जिससे विधानसभा की संरचना में और भी बदलाव आएंगे.

नए डिवीजन में शामिल संभावित क्षेत्र

आरंभिक योजना के अनुसार प्रस्तावित नए डिवीजन में जम्मू संभाग के रामबन, किश्तवार और डोडा जिले तथा कश्मीर के शोपियां, अनंतनाग और कुलगाम जिले शामिल किए जा सकते हैं.

सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि एक नई प्रशासनिक इकाई बनाने का प्रकट कारण जहां पहाड़ी इलाकों में बेहतर प्रशासन उपलब्ध कराना है, वहीं असल कारण मुख्यत: राजनीतिक है, जोकि भाजपा के लिए वोटों की सौगात ला सकता है.

हालांकि चेनाब घाटी के निवासी अपने लिए एक अलग प्रशासनिक और राजस्व इकाई गठित किए जाने की मांग करते रहे हैं.

इससे पहले फरवरी में, तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक के अधीनस्थ राज्य प्रशासन ने करगिल और लद्दाख के इलाकों को लेकर एक नया लद्दाख डिवीजन गठित करने का फैसला किया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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