अरविंद केजरीवाल को चुनौती मिली है वह भी कनाडा से. राष्ट्रपति ट्रूडो के दोगलेपन और मौके का फायदा उठाने को आप किसी और तरह से नहीं समझा सकते. डब्ल्यूटीओ में भारत की कृषि सब्सिडी का विरोध करना और पंजाब के किसानों के पक्ष में खड़ा होना.ट्रूडो ने 2018 की अपनी भारत की कूटनीतिक रूप से विनाशकारी यात्रा से सबक नहीं लिया है. या फिर वह सीखना ही नहीं चाहते हैं.