2024 के चुनाव में भाजपा विरोधी मोर्चे का गठन सिर्फ कहने में आसान है. चुनाव पूर्व राष्ट्रीय स्तर पर किसी महागठबंधन को कांग्रेस का समर्थन कभी नहीं मिला. तीसरा मोर्चा एक आजमाया जा चुका नाकाम विचार है. भारत का राजनीतिक इतिहास बताता है कि गठबंधन सरकारों की स्थिरता के लिए उसमें कांग्रेस या भाजपा की अहम मौजूदगी जरूरी है. मतदाता स्थिरता पर ही दांव लगाते हैं.