पूर्व जजों द्वारा रिटायरमेंट के बाद राजनीतिक पद लेने की समयसीमा तय करने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया. अब सरकार पर है कि वो कानून बनाए. दूसरों के लिए तो मानक तय किए जाते हैं लेकिन अपनी बारी में झिझक दिखती है. न्यायिक आजादी सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को रिटायरमेंट के बाद के तौर-तरीकों पर नियंत्रण करना चाहिए.