हर बार, सुप्रीम कोर्ट व्यक्तिगत अधिकारों के लिए खड़ा होता है और आजादी और चॉइस पर जोर देता है. महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर इसका आदेश ऐतिहासिक श्रेणी में आता है. इसने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करने की ओर भी संकेत दिए हैं. यह भारतीय महिलाओं के लिए एक बड़ी जीत है.