महाराष्ट्र के पास एक मुख्यमंत्री है और एक उप-मुख्यमंत्री भी पर न तो उनके पास राजनीतिक ताकत है और अभी तक वे विधानसभा में संख्या बल भी नहीं दिखा पाये हैं. सर्वोच्च न्यायालय को इस तमाशे को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द बहुमत सिद्ध करवाना चाहिए. चारों तरफ राजनैतिक नैतिकता का पतन नज़र आ रहा है और अब समय आ गया है कि संवैधानिक औचित्य राज्य में स्थापित किया जाए.