1989 में जिहादी हिंसा से बंद कश्मीर में सिनेमाघरों को फिर से खोलना, सामान्य जीवन को बहाल करने की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है. 1998 में दोबारा खुलने पर आतंकवादियों ने सिनेमाघरों पर हमला किया, सुरक्षा सुनिश्चित करना एक चुनौती होगी. हालांकि, दमनकारी सुरक्षा उपाय प्रतिकूल होंगे इसलिए एक अच्छा संतुलन बनाया जाए.