रवीन्द्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन का कला और संस्कृति के स्रोत के लिहाज से यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल होना गर्व का पल है. संस्था के इर्द-गिर्द बहुत सारी राजनीति, पहचान और एकाधिकार की लड़ाई चलती रही है. अब इस प्रतिष्ठित टैग के साथ, आइए इसे राजनीतिक दलों द्वारा बनाई गई बांटने की छवि से ऊपर उठने दें.