संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल का नहीं होना मनमाना और अलोकतांत्रिक है. सांसदों को सवाल पूछने से रोकना इस मजबूत संस्था को कमज़ोर करेगा. मोदी सरकार को खुद को इस तरह प्रस्तुत नहीं करना चाहिए जैसे कि वो गिरती अर्थव्यवस्था, कोविड के प्रबंधन और राष्ट्रीय सुरक्षा पर जवाब देने से भाग रही हो.
आप लोग औरों से बेहतर कर रहे हैं। निरंतरता बनाए रखे आज नहीं तो कल पत्रकारिता के क्षेत्र में पुनर्जागरण अवश्य होगा।