पैगासस प्रोजेक्ट के निष्कर्ष परेशान करने वाले हैं और ये गहन जांच की मांग करती है. आदर्श तौर पर कहें तो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में. किसी भी ‘अनाधिकृत इंटरसेप्शन’ से मोदी सरकार के इनकार करने का कोई मतलब नहीं है. सरकार को दो सवालों के स्पष्ट जवाब देने चाहिए- क्या उसने भारत में पैगासस का इस्तेमाल किया? और दूसरा, क्या लोगों को निशाना बनाया जा रहा था और क्यों?