scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होम50 शब्दों में मतराजीव गांधी के परिवार की 1988 में बिताईं गईं छुट्टियां, 2019 के चुनाव का मुद्दा नहीं हो सकती

राजीव गांधी के परिवार की 1988 में बिताईं गईं छुट्टियां, 2019 के चुनाव का मुद्दा नहीं हो सकती

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

Text Size:

यह सच है कि भारतीय नौसेना के बेड़े ने 1987-88 में लक्षद्वीप में राजीव गांधी और उनके परिवार को अपने साल के अंत की छुट्टी में मदद की थी. लेकिन 2019 में चुनाव में इसे मुद्दा बनाना अजीब है. गांधी के वंशवाद पर हमला तो अपेक्षित है, लेकिन आज के मतदाताओं के लिए यह बातें अहम नहीं है.

प्रधानमंत्री बनने वाली उम्मीदवारों की सूची में केसीआर भी कूदे

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव अब तीसरा मोर्चा के प्रधानमंत्री बनने की लंबी कतार में शामिल हो गए हैं. वैसे तो उनका यह उत्साह त्रिशंकु लोकसभा के अनुमान पर आधारित है. कांग्रेस को अलग-थलग करने का उनका प्रयास विपक्षी खेमे में परस्पर विरोधी हितों को भी रेखांकित करता है.

भोपाल गैस त्रासदी मामले पर मोदी राजीव गांधी से बेहतर तो नहीं हैं

भोपाल गैस त्रासदी के बाद वॉरेन एंडरसन के देश छोड़ कर भागने पर पीएम मोदी ने राजीव गांधी पर हमला किया है. लेकिन मोदी ने भी कोई बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है. उन्होंने  डॉव केमिकल्स (यूनियन कार्बाइड के मालिक) के सीईओ के साथ खाना खाया लेकिन पर्यावरण की क्षति के मुद्दे की बात हो या फिर सुस्त अदालती मामले की बात, उन्होंने इस मुद्दे को नहीं उठाया. यह आश्चर्य की बात है कि प्रज्ञा ठाकुर के विज़न डॉक्यूमेंट में भोपाल त्रासदी का जिक्र भी नहीं किया गया है.

share & View comments