उमर अब्दुल्ला और फारुख अब्दुल्ला की कई महीनों की हिरासत के बाद हुई रिहाई, जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीति के फिर शुरु होने की ओर पहला कदम है. और बंदियों को छोड़ा जायेगा. 5 अगस्त को लिया गया राज्य के विशेष दर्जा हटाने वाले कदम से पीछे नहीं हटा जायेगा. कश्मीर के राजनेताओं को पुराने ढर्रे की राजनीति छोड़कर नए परिस्थिति में नई राजनीति करनी पड़ेगी.