अविश्वास प्रस्ताव ने आखिर मोदी को मणिपुर पर बोलने को मजबूर किया. हालांकि, उनका जल्द शांति के लौटने का आश्वासन बिना रोडमैप का, गलतियों को स्वीकारने का छलावा भर था. दूसरे पर दोष मढ़ना, बीती बात करना पाखंड है और यकीन के लायक नहीं है. केंद्र का यह तर्क कि सीएम बीरेन सिंह को इसलिए नहीं हटाया जा सकता क्योंकि वह सहयोग कर रहे हैं, फर्जी बात है.