असम के एक्टिविस्ट-राजनेता अखिल गोगोई के खिलाफ यूएपीए के आरोपों पर एनआईए कोर्ट की टिप्पणी कानून का जमकर दुरुपयोग किए जाने पर एक कड़ी फटकार है. झूठे आरोपों में जेलों में बंद अन्य लोगों के मामले में यह एक नजीर बननी चाहिए. सीएए का विरोध करना नागरिकों का मौलिक अधिकार था, न कि देशद्रोह वाला कोई कृत्य.
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