प्रधानमंत्री के.पी. ओली के संसद भंग करने से नेपाल एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है. 12 साल पहले गणतंत्र बनने के बाद से काठमांडू एक के बाद एक संकट झेलता रहा है. इसे अपनी लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करना होगा और शासन पर ध्यान देना होगा. इसे खुद को राजनीतिक अस्थिरता और कूटनीतिक चालों की उर्वर भूमि नहीं बनने देना चाहिए. चीन बनाम भारत के खेल को रणनीति बनाने की भी कुछ सीमाएं हैं.